फर्जी दस्तावेजों पर, 5 साल से चल रहा था नर्सिंग कॉलेज

बच्चों का भविष्य अधर में, कई छात्र तो कॉलेज से फाइनल भी कर चुके, पर मार्कशीट अभी तक नहीं आई

ब्रह्मास्त्र इंदौर। अक्षर नर्सिंग कॉलेज के सामने आए फर्जीवाड़े में एमवाय अस्पताल की एक नर्स पांच साल तक हेल्थ डिपार्टमेंट को अंधेरे में रखे रही। 2015 से शुरू हुए इस कॉलेज को लेकर न कभी छात्रों ने शिकायत की और न अधिकारियों ने ध्यान दिया। अब 100 से ज्यादा विद्यार्थियों का भविष्य अधर में अटक गया है। इन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी कर ली, लेकिन उन्हें न रजिस्ट्रेशन मिला और न ही मार्कशीट मिली।.
उधर, एडीएम पवन जैन ने दूसरे दिन जांच में स्टेट नर्सिंग काउंसिल के अधिकारियों से कॉलेज के पुराने दस्तावेज भी मंगवाए। इस बीच कुछ छात्रों ने एडीएम को शिकायत करते हुए कहा कि तथाकथित संचालक और नर्स हमें धमकी दे रहे हैं। वे कह रहे हैं कि अब किसी को कुछ न बताएं, हम आपका निपटारा कर देंगे, आप लोग कॉलेज आएं। प्रशासन अन्य बिन्दुओं पर भी कॉलेज की जांच कर रहा है।

बच्चों की कहानी उन्हीं की जुबानी…

पढ़ाई पूरी, मिला कुछ नहीं

तीनों साल की एक भी ओरिजनल मार्कशीट नहीं मिली। रजिस्ट्रेशन भी नहीं मिला है। अब पांच साल हो जाएंगे। दो लाख रुपए फीस जमा कर चुके हैं। मेरी दादी एमवायएच में मैट्रन थी। किरण मैडम को जानती थी। वह वहां जॉब करती थी। अब एमवायएच में वे नहीं हैं। हमने अपनी मार्कशीट सिर्फ ऑनलाइन देखी है। साक्षी चौहान, पहला बैच (2016-17)

राेल नंबर भी तुरंत आते थे

हमारा फाइनल ईयर हो चुका है। मार्कशीट नहीं मिली। मैडम तो खुद कभी नहीं आती थीं। जो पढ़ाती थीं, वह कहती थीं आप चिंता मत करो। रोल नंबर ऐन वक्त पर देते थे। – हर्षबाला कल्याणे

बिना रजिस्ट्रेशन क्या करेंगे?

मैं बड़वाह का रहने वाला हूं। विज्ञापन देखकर एडमिशन लिया था। सब कुछ कम्पलीट हो गया, लेकिन मार्कशीट लेना है। ऑफिस में जाते हैं, लेकिन मार्कशीट मिलेगी तो रजिस्ट्रेशन होगा। रजिस्ट्रेशन नहीं मिलेगा तो क्या करेंंगे?- देवेंद्र यादव, पूर्व छात्र

एमवायएच की नर्सें बोली- फर्जी तरह से डॉक्यूमेंट लगा दिए

कॉलेज की कथित संचालक किरण सांगले है। नर्सों को कॉलेज स्टाफ बताया है, उनमें से तीन एमवायएच में कार्यरत हैं। एक नर्स दो साल से स्वास्थ्य कारणों से तो एक चाइल्ड केयर लीव पर हैं। इनका कहना है कि जानकारी के बिना फर्जी तरह से डॉक्यूमेंट लगा दिए।

मुझे दिल का दौरा पड़ा, अकेली नहीं रह सकती थी, 2 साल से मेडिकल लीव पर हूं

एमवायएच में पदस्थ नर्स रश्मि मेड़ा का नाम आने पर उन्होंने कलेक्टर को पत्र लिख कहा कि कॉलेज प्रबंधन ने फर्जी तरह से डॉक्यूमेंट हासिल कर लगा दिए। 2018 में मुझे दिल का दौरा पड़ा था। कोरोना में तबीयत ज्यादा बिगड़ गई। दो साल से लीव पर हूं।