इंदौर के एक लाख घरों व दुकानों में लगेंगे वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम
मिशन जल संरक्षण के तहत 1500 वर्गफीट या उससे बड़े आवासीय भवनों के लिए वाटर हार्वेस्टिंग अनिवार्य, इसके लिए संपत्ति व समेकित कर में 10 प्रतिशत की छूट
ब्रह्मास्त्र इंदौर। जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए नगर निगम ने इस बार एक लाख घरों व दुकानों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने का दावा किया है। शहर में 1500 वर्गफीट के भूखंड पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अनिवार्य है। इसे लेकर 23 अप्रैल को ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर पर बड़ी कार्यशाला होगी, जिसमें बताया जाएगा कि कैसे और किस तकनीक से यह काम करना है।
निगम के रिकॉर्ड के मुताबिक अब तक 16 हजार रिचार्ज पिट बनाए गए हैं। इनमें से करीब 500 सरकारी भवनों पर हैं। पांच हजार घरों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगा है। माना जा रहा है कि शहर में दो लाख से ज्यादा ऐसे भूखंड हैं, जिनका आकार 1500 वर्गफीट से ज्यादा है। लोग आगे आएं, इसके लिए संपत्ति और समेकित कर में 10 फीसदी की छूट भी निगम देगा। नगर निगम इस पर सख्ती भी करेगा। भवन अनुमति के लिए भी सिक्योरिटी राशि जमा करवाना होगी।
इस तरह से बचाते हैं बारिश का पानी
रेन वाटर हार्वेस्टिंग दो तरह से होती है। पहला घरों में लगाए जाने वाला रूफटॉप हार्वेस्टिंग सिस्टम। आमतौर पर घरों में एक से तीन हजार वर्गफीट की छतें होती हैं। ज्यादातर लोगों ने यह सिस्टम खुद ही लगा लिए हंै। दूसरा, निगम बगीचों या सरकारी दफ्तरों में पिट रिचार्ज बनाता है।
रेन वाटर हार्वेस्टिंग होंगे 5 वार्ड
कार्यपालन यंत्री सुनील गुप्ता का कहना है आवासीय व व्यावसायिक भवन, गार्डन, सरकारी भवन पर 16 हजार रिचार्ज पिट बनाए हैं। अब इसे अनिवार्य कर दिया है। पांच वार्डों को पूरी तरह रेन वाटर हार्वेस्टिंग वार्ड बनाएंगे। सख्ती की जाएगी। एक साल में एक लाख सिस्टम लगाने की तैयारी है।
हालांकि, नगर निगम रिचार्ज पिट तो बनवा रहा, लेकिन मेंटेनेंस का कोई प्रावधान नहीं, इसके बगैर पानी कैसे साफ होगा? अभी उसके मेंटेनेंस का कोई प्रावधान नहीं है। इससे जल संग्रहण होगा, यह अच्छी बात है, लेकिन जल प्रदूषण का खतरा भी बढ़ जाता है। सिर्फ रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने या रिचार्ज पिट बनवाने से काम नहीं चलेगा, बल्कि मेंटेनेंस करना भी जरूरी है। कई बार हार्वेस्टिंग सिस्टम में कॉकरोच या अन्य जीव मिलते हैं। इसमें दिक्कत यह है कि इसे लगाने के बाद लोग भूल जाते है।