सिंहस्थ उपयोग की सांवराखेड़ी अखाड़ा परिषद का महत्वपूर्ण सुझाव, सांवराखेड़ी, जीवनखेड़ी, दाऊदखेड़ी आदि की जमीन को किसी भी हालत में नहीं करें आवासीय
मास्टर प्लान को लेकर प्रमुख सचिव से मिले अखाड़ा परिषद के प्रतिनिधि, भूमाफियाओं के अपवित्र इरादों पर फिरेगा पानी?
उज्जैन। सिंहस्थ के उपयोग आने वाली सांवराखेड़ी आदि की भूमि मास्टर प्लान में आवासीय न हो, इसके लिए अब साधु समाज आगे आया है।
सोमवार को भोपाल में नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग के प्रमुख सचिव मनीष सिंह से अखाड़ा परिषद के प्रतिनिधियों ने वल्लभ भवन मंत्रालय में मुलाकात की।
मास्टर प्लान 2035 के पुनर्विचार संबंध में आपत्ति व सुझाव देते हुए स्थानीय प्रबंधक महंत श्री रामेश्वर गिरी जी महाराज ने उनसे निवेदन किया गया कि धारा 19 (2 ) की आपत्ति संबंधित सुनवाई के लिए आप स्वयं उज्जैन आएं और सिंहस्थ बायपास मार्ग के जिन क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविर, सेटेलाइट टाउन, चिकित्सकीय व पुलिस कैंप आदि लगे थे, उनका निरीक्षण करें। इस पर प्रमुख सचिव मनीष सिंह ने कहा कि सिंहस्थ में मै वहां रहा हूं। काफी एरिया नॉलेज में है। अखाड़ा परिषद सहित सभी आपत्तियों का उचित निराकरण करने के बाद ही शासन मास्टर प्लान मंजूर करेगा। आप बिल्कुल निश्चिंत रहें।
अखाड़ा परिषद व्दारा दिए गए सुझाव में स्पष्ट रूप से कहा है कि उज्जैन के लिए प्रस्तावित नवीन विकास योजना 2035 में कस्बा उज्जैन एवं सांवरा खेड़ी में वाकणकर ब्रिज से एमआर 24 तक के दक्षिणी भाग में प्रस्तावित पीएसपी आमोद प्रमोद उपयोग से आवासीय प्रस्ताव उल्लेखित किए गए हैं। जिसमें ग्राम सांवराखेड़ी, जीवन खेड़ी, दाऊदखेड़ी सहित आसपास की भूमियों को आवासीय प्रयोजन हेतु आरक्षित किया जा रहा है। जबकि ये क्षेत्र शिप्रा नदी से सटे होने से सिंहस्थ 2016 के दौरान यहां कई शिविर, पार्किंग, सेटेलाइट टाउन, पुलिस व चिकित्सकीय कैंप लगे थे। ऐसे में इन भूमियों को इसी हेतु आरक्षित किया जाना आगामी सिंहस्थ महापर्व के लिए उपयुक्त रहेगा। अतः आपके द्वारा उन्हें पुनः अवलोकित किए जा रहे प्रारूप मप्र राजपत्र दिनांक 8 अप्रैल 2022 में इसे सिंहस्थ प्रयोजन हेतु आरक्षित किया जा कर यहां किसी भी तरह की आवासीय व्यावसायिक गतिविधि को अनुमति प्रदान नहीं की जाए।
गौरतलब है कि सिंहस्थ मेले के उपयोग में आने वाली भूमि सांवराखेड़ी आदि को मास्टर प्लान में आवासीय घोषित करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। इसमें शहर के कई बड़े भूमाफिया भी शामिल हैं। अब देखना यह है कि क्या भूमाफियाओं के अपवित्र इरादों पर पानी फिरेगा?