खरगोन दंगा: मुस्लिम महिलाएं बोलीं- पुलिसवालों ने आधी रात को दरवाजे तोड़े, बच्चे भी उठा ले गए
ब्रह्मास्त्र खरगोन। खरगोन में रामवनमी जुलूस के दौरान 10 अप्रैल को भड़के दंगे के आरोपियों पर कार्रवाई के विरोध में मुस्लिम महिलाएं सड़क पर उतरीं। उन्होंने मंगलवार को मोहन टॉकीज पर चक्काजाम किया। इसके बाद एक किमी लंबी रैली निकालकर एसपी कार्यालय का घेराव किया। समाज की महिलाएं साजिदा, सलमा, हाजरा और अफसाना ने बताया कि सोमवार रात को पुलिसकर्मी घरों के दरवाजे तोड़कर अंदर घुस आए। वे कई नाबालिगों को भी उठाकर ले गए, जो कि दंगे में शामिल नहीं थे। महिलाओं ने पूछा कि पुलिस दिन की जगह अंधेरे में कार्रवाई क्यों कर रही है।
महिलाओं ने कहा कि पुलिस ने पहले भी निर्दोष लोगों को जेल भेजा है। हिंदू समाज के लोगों पर कम केस दर्ज किए हैं। समाजजनों ने कई लोगों की नामजद रिपोर्ट की है। सबूत में वीडियो दिए हैं, लेकिन केस दर्ज नहीं किया है। पुलिस, सरकार के दबाव में काम कर रही है।
इस बारे में एएसपी ने कहा कि वीडियो फुटेज के आधार पर पुलिस कार्रवाई कर रही है। दबाव बनाने के लिए रैली निकाली है। एकतरफा कार्रवाई का आरोप गलत है।आरोपियों की गिरफ्तारी में पुलिस को सहयोग नहीं मिल रहा।
इन लोगों पर लगाए आरोप
महिलाओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि राजू शर्मा, दीपक कानूनगो, मनोज वर्मा, श्याम महाजन, रवि वर्मा, रणजीत डंडीर, अनिल गुप्ता, रवि जायसवाल आदि ने दंगा, बलवा, आगजनी की है। इन लोगों ने तालाब चौक में 24 से ज्यादा डीजे बजवाए थे। हर डीजे में 100 से 150 युवा शामिल थे। सभी ने कश्मीर फाइल्स फिल्म के नाम पर लोगों को भड़काया और दंगा कराया। तालाब चौक में शौचालय के पास रहने वाली मुस्लिम समाज की महिला का घर जलाया। आनंद नगर में इब्रेश की हत्या की गई। बुजुर्ग महिला के सिर में तलवार मार दी। धानमंडी में मस्जिद में आग लगाई। पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है। दंगे के तीसरे दिन खंडवा रोड, भाड़ली में मुस्लिम समाज की फैक्ट्री व वाहनों के गैरेज में आग लगाई गई।