शिक्षक कुछ भी कर सकता है, 29 साल की शिक्षिका ने लद्दाख तक चलाई बाइक
इंदौर। महू की 29 साल की दीपा दुबे हाल ही में लद्दाख से लौटी हैं। महू से लद्दाख तक 5300 किलोमीटर का यह सफर उन्होंने बाइक से अकेले किया। लेह-लद्दाख के साथ वे हाईएस्ट मोटरेबल रोड उमलिंग ला पास भी गईं। इस जगह तक सोलो बाइक राइड करने वाली वे प्रदेश की पहली महिला हैं। महू के सेंट मैरीज़ स्कूल में सोशल साइंस की टीचर दीपा दुबे ने 10 मई को इंदौर से यह यात्रा शुरू की थी और अब लौट आई हैं।
टीचर्स के सम्मान में की सोलो राइड
पहले समाज में गुरु ईश्वरतुल्य था। अब तो उन्हें इंसान भी नहीं मानते। बच्चों को सामने पेरेंट्स टीचर्स को अपमानित कर देते हैं। पुलिस रिपोर्ट की धमकियां दे देते हैं। फिर बच्चे टीचर्स की रिस्पेक्ट कैसे करेंगे। वे भी आए दिन बदतीमजी करते हैं। मेरे ही कई अनुभव रहे हैं जब पेरेंट्स मर्यादा की सीमाएं लांघ गए। लोग समझते हैं कि जब कोई जीवन में कुछ नहीं कर पाता तो टीचर बन जाता है। यह गलत है। शिक्षक बहुत महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभा रहे हैं और उन्हीं के सम्मान में मैंने यह सोलो राइड की।