दो दिवसीय आयोजन में गायत्री मंत्र का अखंड जप, दीपयज्ञ, विभिन्न संस्कार एवं गोष्ठी संपन्न हुई
दो दिवसीय आयोजन में गायत्री मंत्र का अखंड जप, दीपयज्ञ, विभिन्न संस्कार एवं गोष्ठी संपन्न हुई
देवास। गंगा दशहरा, गायत्री जयंती के महापर्व पर अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक पं. श्रीराम शर्मा आचार्यजी का महाप्रयाण दिवस एवं मां गायत्री का प्राकट्य दिवस के अवसर पर गायत्री शक्तिपीठ साकेत नगर एवं गायत्री प्रज्ञापीठ विजय नगर पर विभिन्न धार्मिक आयोजन बड़े उत्साह एवं श्रद्धा के साथ सम्पन्न हुए। गायत्री शक्तिपीठ के मीडिया प्रभारी विक्रमसिंह चौधरी ने बताया कि गायत्री शक्तिपीठ पर प्रात: 9 बजे श्रीवेदमाता गायत्री, परम पूज्य गुरुदेव पं. श्रीराम शर्मा आचार्यजी, वंदनीया माता भगवतीदेवी शर्मा का पूजन व देवताओं का आवाहन कर पंचकुंडीय गायत्री महायज्ञ प्रारंभ हुआ जिसमें दीक्षा, मुण्डन, नामकरण, पुंसवन सहित विभिन्न संस्कार सम्पन्न हुए। पूणार्हुति पश्चात महाप्रसाद का वितरण किया गया। इसके बाद गायत्री शक्तिपीठ के प्रवचन हाल में अपनों से अपनी बात में आगामी मिशन की कार्य योजना पर चर्चा हुई, गोष्ठी में युवा प्रकोष्ठ के प्रमोद निहाले ने संचालन करते हुए कहा कि वर्तमान समय में तापमान 45 डिग्री पहुंचा है इसके कही न कही हम सब जिम्मेदार है क्योंकि वृक्षों की कटाई में दिनों दिन बढ़ोत्तरी हुई है ओर वृक्षारोपण में भारी कमी आई है। गायत्री परिवार द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए इस वर्ष संपूर्ण जिले में 5 हजार से अधिक वृक्ष लगाने का लक्ष्य है। सभी परिजनों से आग्रह हैं कि इस पुनीत कार्य में भागीदार होकर जीवन को सफल बनायें। गायत्री साधकों को आगामी गुरु पूर्णिमा पर वृहद रूप में वृक्ष गंगा अभियान को सफल बनाना है। इस अवसर पर गायत्री परिवार की सरिता पाटीदार ने गर्भ संस्कार पर प्रकाश डालते हुए बताया की संस्कार का हमारे जीवन में बहुत अधिक महत्व है जिसे हम नजर अंदाज करते चले जा रहे जिसका खामियाजा हम सब भुगत रहे है इसलिए हमें सबको मिलकर संस्कारो की परम्परा को घर घर पंहुचाना है। जिला समन्वयक रमेशचन्द्र मोदी ने मिशन की आगामी योजनाओं को भलीभांति संचालित करने की बात कही। आयोजन में गायत्री शक्तिपीठ पर अखंड दीपक का शुभारम्भ भी हुआ जिसका विधिवत पूजन अर्चन के बाद गायत्री मंदिर के गर्भ गृह में स्थापना की गई जिसके समीप अब गायत्री साधक प्रतिदिन साधना कर पुण्य लाभ प्राप्त करेंगे। इस अवसर पर कर्मकांड का संचालन रामनिवास कुशवाह व चंद्रिका शर्मा सहित गायत्री शक्तिपीठ की संगीत टोली ने किया। वहीं गायत्री प्रज्ञापीठ विजयनगर पर प्रज्ञापीठ संरक्षिका दुर्गा दीदी के सानिध्य में पंचकुंडीय गायत्री महायज्ञ हुआ जिसमें विभिन्न संस्कार हुए।