आरोपी पक्ष के परिजन बोले महिला ने खुद लगाई थी आग

उज्जैन। इलियाखेड़ी जमीन विवाद में महिला को जलाने के मामले में रविवार को नया मोड़ आ गया। आरोपी पक्ष के परिवार ने कहा कि महिला ने खुद को आग लगाई थी और झूठा मामला दर्ज करा दिया। महिला की शिकायत से पहले उन्होने थाने पहुंचकर महिला के परिजनों पर मारपीट का केस दर्ज कराया था।
4 जून को इलियाखेड़ी में रहने वाली मुस्कान पति तेजपाल को झुलसी हालत में परिजन अस्पताल लेकर पहुंचे थे। सूचना मिलने पर भैरवगढ़ थाना पुलिस अस्पताल पहु़ंची तो मुस्कान ने जमीन विवाद में सोनू महाराज, उसके भाई शैलेन्द्र, तरुण और एक अन्य पर जलाने का आरोप लगाया। पुलिस ने जानलेवा हमले का प्रकरण दर्ज कर जांच में लिया। रविवार को आरोपी पक्ष के परिजनों ने मीडिया के समक्ष अपनी बता रखी और बताया कि महिला ने खुद को पारिवारिक विवाद के चलते केरोसिन डालकर आग लगाई और चारों पर झूठा प्रकरण दर्ज कराया है। महिला के परिजनों से जमीन का विवाद है। सोनू महाराज और उसके भाई शैलेन्द्र ने 34 बीघा जमीन घनश्याम ठाकुर और बालूसिंह से खरीदी थी। जिसकी 70 प्रतिशत राशि उन्हें दे दी गई थी। शेष राशि को लेकर स्टाम्प पर एग्रीमेंट हुआ था और चेक दिये गये थे। जिसके बाद जमीन की रजिस्ट्री करा ली गई। सोनू और शैलेन्द्र ने उक्त जमीन बाद में राकेश चौधरी को बेच दी। 4 जून को जब जमीन पर कब्जा लेने के लिये सोनू, महाराज, शैलेन्द्र, तरुण और राकेश चौधरी पहुंचे तो घनश्याम के बेटे तेजपाल, महिपाल और भगवान कुंवर ने हमला कर दिया। चारों ने मौके से भाग कर भैरवगढ़ थाने पहुंचे और मारपीट की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने महिपाल, तेजपाल उसकी पत्नी और महिपाल पर प्रकरण दर्ज किया।