निर्दलीय व छोटी पार्टियों के प्रत्याशी भाजपा या कांग्रेस को पहुंचा सकते हैं नुकसान
पंचायत चुनाव में एक-दो वोट से जीत हार के कारण बन रहे आसार
इंदौर। नगर निगम चुनाव में इस बार 85 वार्डों में जहां मुख्य रूप से भाजपा व कांग्रेस के प्रत्याशी मैदान में हैं, वहीं आधे से ज्यादा वार्ड ऐसे हैं, जिनमें निर्दलीय के अलावा दस अन्य विभिन्न पार्टियों के प्रत्याशी भी चुनाव लड़ रहे हैं। जिन पार्टियों ने इस बार तीसरे मोर्चे के रूप में अपने प्रत्याशी खड़े किए हैं, उनमें असदउद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम), शिवसेना, सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया), बहुजन समाज पार्टी, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्ससिस्ट), सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया, माइनोरिटीज डेमोक्रेटिक पार्टी व आम आदमी पार्टी हैं। हाल ही में हुए पंचायत चुनाव में एक वोट, दो वोट, चार वोटों से जीत के अलावा बराबरी की टक्कर भी रही है। ऐसे में संभावना है कि निगम चुनाव में तीसरे मोर्चे के रूप में जो प्रत्याशी खड़े हुए हैं उससे कुछ वार्डों के चुनावी समीकरण बदल भी सकते हैं। कुछ निर्दलीय तथा अन्य छोटी पार्टियों के प्रत्याशी भले ही जीत न पाए, लेकिन वोट काटकर भाजपा या कांग्रेस किसी एक को फायदा तो पहुंचा ही सकते हैं।