जमीन विवाद को लेकर युवक पर परिवार के ही लोगों ने किया जानलेवा हमला
देवास। जिले की हाटपीपल्या तहसील के ग्राम देवगढ़ निवासी धर्मेन्द्र के साथ परिवार के ही लोगों ने जमीन विवाद को लेकर जानलेवा हमला करते हुए मारपीट की, जिससे धर्मेन्द्र को गंभीर चोंट आई, जिसका उपचार इंदौर के एम वॉय अस्पताल में चल रहा है और घायल वर्तमान में वेंटिलेटर पर है। लक्ष्मीनारायण पिता मांगीलाल ने अपने पुत्र पर हुए जानलेवा हमले की शिकायत पहले हाटपीपल्या थाना प्रभारी से की, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं होने पर पुलिस अधीक्षक को भी आवेदन सौंपा। घटना की जानकारी लगते ही धर्मेन्द्र के छोटे भाई विनोद कुमार गुर्जर जो कि बीएसएफ में सेवा दे रहे है छुट्टी लेकर अपने गांव पहुंचे और घटना के दोषियों पर कार्यवाही नही होने पर पुलिस अधीक्षक डॉ. शिवदयाल सिंह से मुलाकात की। साथ ही इसकी शिकायत बीएसएफ कमांडेड जवाहर हजदा को लिखित में की। कमांडेड श्री हजदा ने तुरंत एक्शन लेते हुए एक डीओ लेटर देवास कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को भेजा। जिसके पश्चात एसपी श्री सिंह ने बागली एसडीओपी संजीव मुले जाँच के लिए रिपोर्ट भेजी है।
गौरतलब है कि अपने पुत्र पर हुए हमले की शिकायत लक्ष्मीनारायण ने एसपी से की थी। जिसमें उन्होंने बताया था कि 23 मई को ग्राम देवगढ़ निवासी मनोहर, मुकेश, त्रिलोक, ईश्वर, निलेश, निरज, देवनारायण, देशमुख, रामभरोस ने आपसी जमीन को लेकर विवाद किया और मेरे पुत्र धर्मेन्द्र के साथ मारपीट की, जिससे धर्मेन्द्र का दायां हाथ फ्रेक्चर हो गया। जहां से घायल को हाटपीपल्या अस्पताल लेकर गए। वहां से उसे जिला चिकित्सालय देवास रेफर कर दिया। गंभीर हालत के चलते धर्मेन्द्र को इंदौर एम वाय ईलाज के भेज दिया। इंदौर में ईलाज के दौरान पता चला कि मेरे पुत्र के सर पर 5 एमएम रक्त का थक्का जम गया है, जिससे वो वेंटिलेटर पर जिंदगी और मौत के बीच है। धर्मेन्द्र के पिता व परिवारजनों ने आरोप लगाते हुए बताया कि स्थानीय पुलिस द्वारा अपराधियों पर मामूली धाराओं में कार्यवाही की गई। मारपीट के बाद घटना की रात्रि को मेरे खेत पर कब्जा कर लिया। जिसकी एफआईआर भी हाटपीपल्या थाने में दर्ज कराई गई। हमलावर पूर्व में भी आदतन अपराधी है। इनके खिलाफ पुलिस ने धारा 307 के तहत कार्यवाही न करते हुए मामूली धाराओं में कार्यवाही की गई। घटना के बाद से मेरे परिवार पर खतरा मंडरा रहा है। शिकायतकर्ता लक्ष्मीनाराण ने आवेदन देकर मांग की है कि सभी दोषियों पर धारा 307 के तहत दण्डात्मक कार्यवाही की जाए। साथ ही कब्जे में की गई जमीन को छुड़ाया जाए।
घटना की जानकारी संज्ञान में आने के बाद गृह मंत्रालय, सीमा सुरक्षा बल भारत सरकार ने एसपी को पत्र भेजकर मांग की है कि उक्त मामले की गंभीरता से जाँच करते हुए बीएसएफ आरक्षक विनोद कुमार के परिवार को अतिशीघ्र सुरक्षा प्रदान की जाए और जमीन को कब्जा मुक्त करते हुए बीएसएफ जवान के परिवार को सौंपी जाए। जो भी कार्यवाही की गई उसकी सूचना बीएसएफ कार्यालय को भेजी जाए, ताकि विनोद कुमार तनाव मुक्त होकर देशसेवा कर सके।