शाला त्यागी बच्चों को पुन: प्रवेश कराने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा किए गए प्रयास
देवास। मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निदेर्शानुसार एवं प्रधान जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण प्रभात कुमार मिश्रा के मार्गदर्शन में शासकीय हाई स्कूल इटावा में बाल संरक्षण एवं बाल संवर्धन सप्ताह के अंतर्गत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में संविधान के मूल अधिकार, मूल कर्तव्य एवं राष्ट्रीय विधिक सेवा प्रधिकरण द्वारा संचालित योजना, बालकों से मैत्रीपूर्ण संबंध 2015, बाल संरक्षण एवं संवर्धन, बच्चों की शिक्षा का अधिकार के संबंध में बताया गया।
शिविर में जिला विधिक सहायता अधिकारी रॉबिन दयाल ने कहा कि शिक्षा ऐसा दीपक है, जो हर व्यक्ति के जीवन में उसके विकास, उन्नति के साथ आगे बढ़ाता है। उन्होंने डॉ. भीमराव अंबेडकर के आदर्शों के अनुसार उनके जीवन के महत्व को बताते हुए कहा कि उनके द्वारा देश के लिए संविधान की रचना की। यह तभी संभव हो पाया जब उन्होंने शिक्षा के माध्यम से अपने आप को सक्षम और विकसित किया। इसलिए हमें देश के लिए परिवार के लिए एवं स्वयं के लिए शिक्षा को प्राप्त करना एवं निरंतर अभ्यासरत रहना आवश्यक है। जिला विधिक सहायता अधिकारी रॉबिन दयाल ने कहा कि जिन बच्चों ने शाला त्याग दी है वह भी पुन: शिक्षा प्रारंभ करें एवं अपने साथी आस-पास के बालकों को प्रेरित करें। शिविर के उपरांत शाला त्यागी बच्चों के लिए कार्यरत पैरालीगल वालेंटियर श्रीमती फूलकुंवर राजपूत द्वारा इटावा क्षेत्र के शाला त्यागी बच्चों को पुन: प्रवेश कराने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से प्रयास कर उनके गैप सर्टिफिकेट एवं पुन: प्रवेश की प्रक्रिया का कार्य किया। रॉबिन दयाल ने कहा कि यदि किसी बच्चे को शिक्षा संबंधी आवश्यकता होने पर जिला शिक्षा अधिकारी, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं जिला प्रशासन से नियमअनुसार सहायता प्राप्त कर सकते हैं। शिविर में प्राचार्य श्रीमती प्रतिभा गुप्ता एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से एचके शर्मा, शासकीय हाई स्कूल इटावा के शिक्षकगण एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।