धार का डैम फूटा तो 18 गांव में हो सकता है जल प्रलय
बांध को बचाने की कमान अब सेना के हाथ में:सूरत, वडोदरा, दिल्ली और भोपाल से धार पहुंची एनडीआरएफ ; मंत्री सिलावट व दत्तीगांव अफसरों के साथ मौके पर
धार। इंदौर संभाग के धार में कारम नदी पर बन रहे डैम को फूटने से बचाने के लिए अब सेना ने मोर्चा संभाल लिया है। सेना के जवान शुक्रवार रात 2 बजे धार पहुंचे। सुबह 9.30 बजे तक बांध पहुंच गए। एनडीआरएफ की सूरत, वडोदरा, दिल्ली और भोपाल से एक-एक टीम भी रवाना कर दी गई है। हर टीम में 30 से 35 ट्रेंड जवान शामिल हैं। गौरतलब है कि यदि बांध टूट गया तो आसपास के 18 गांव में जल प्रलय की स्थिति हो सकती है।हालांकि गांव के गांव खाली करवा लिए गए हैं लेकिन बांध टूटने की स्थिति में भारी नुकसान हो सकता है।
अपर मुख्य सचिव गृह राजेश राजौरा ने बताया कि डैम को लेकर एक हाईलेवल मीटिंग मंत्रालय में बुलाई गई थी। इसमें सेना की मदद लेने का फैसला लिया गया था।
शुक्रवार रात 12 बजे तक यहां रुकने के बाद आज सुबह 8 बजे जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, उद्योग संवर्धन मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, कमिश्नर, कलेक्टर और एसपी आ गए हैं। उनकी मॉनिटरिंग में ही डैम के दूसरे छोर से वैकल्पिक नहर बनाने की कोशिशें चल रही हैं। प्रशासन का मानना है कि इस बनने वाली नहर से एक बार पानी का फ्लो शुरू हो जाएगा, तो डैम में पानी का दबाव कम होता चला जाएगा। इससे नुकसान को कम करने में बहुत मदद मिलेगी। डैम की कुल भराव क्षमता 45 एमसीएम (मिलियन घन मीटर) की है। अभी इसमें 15 एमसीएम पानी है। यानी क्षमता से एक तिहाई। अगर 5 एमसीएम पानी और कम हो गया तो बांध की दीवार टूटने पर भी पानी के फ्लो को नियंत्रित किया जा सकेगा।
जांच कमेटी गठित
जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने बताया, विशेषज्ञों की जांच समिति गठित कर दी गई है। जल्द रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। लापरवाही पाए जाने पर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। रातभर बांध के बाईं तरफ पहाड़ से करीब पानी निकालने के लिए खुदाई होती रही। काम जारी है। स्थिति नियंत्रण में है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर यहां कैंप किए हुए हैं। संभागायुक्त डॉक्टर पवन शर्मा ने कलेक्टर खरगोन श्रीकुमार पुरुषोत्तम और दूसरे अधिकारियों के साथ आज तड़के 4 बजे तक ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।