एसडीएम ने टीम गठित कर फसल के सर्वे शुरू करने के दिए निर्देश
सुसनेर। नगर व क्षेत्र में पिछले तीन से चार दिन में बारिश हो रही है। बारिश के कारण किसानों के खेतों में कटी पड़ी सोयाबीन की फसल गीली हो गई लगातार बारिश होने के कारण खेतों में कटी फसल गलने के कारण सडने लगी है वहीं कहीं कहीं बालिया अंकुरित भी होने लगी है इससे किसानों को खरीफ सीजन की फसल में भारी नुकसान हुआ है। किसानों ने प्रशासन से फसलों के सर्वे करने की बात कही है।मोसम खुलने के साथ ही अपनी मांगों को लेकर शनिवार को अवकाश के बाद भी मैंना, मोड़ी माणा सहित अन्य गांवों के किसान एसडीएम कार्यालय पहुंचे तथा एसडीएम सोहन कनास को आवेदन देकर नुकसान के मुआवजे की मांग की गई है। प्रशासनिक अधिकारी भी नुकसान के आंकलन में लगे हुए हैं। एसडीएम सोहन कनास ने इस संबंध में नलखेड़ा तहसीलदार एवं सुसनेर तहसीलदार तथा सोयत नायब तहसीलदार को टीमें गठित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही नष्ट हुई फसल का सर्वे करने के आदेश भी जारी किए हैं। लगातार बारिश के कारण खेतों में खड़ी सोयाबीन की फसल भी बर्बाद हो रही है। जिन किसानों ने अपनी फसल काट लिया था वह लगातार बारिश के कारण पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। शनिवार को बारिश ने कुछ राहत जरूर दी।
आर्थिक नुकसान के बाद कैसे मनाएं दीपावली
ग्राम मैना,माणा के किसानों ने बताया कि अभी मौसम खुलने आसार कम नजर आ रहे हैं। मौसम विभाग के मुताबिक अभी तीन-चार दिनों और ऐसे ही मौसम रहेगा। किसानों ने कर्ज लेकर खेतों में बोने की थी। खरीफ फसल की फसल बर्बाद होने से किसान फिर से कर्ज में डूब जाएगा इससे उन्हें भारी परेशानी होगी किसानों ने बताया कि ऐसे में आगामी दिपावली का त्यौहार कैसे मनाएगें। इस साल वे अपने बेटे बेटियों की शादी करना चाहते थे। लेकिन फसल बर्बाद होने से उनकी आशाओं पर पानी फिर गया है वह अपने बच्चों की शादी भी नहीं कर पाएंगे।
खेतों में खड़ी फसल कि 5 दिन नहीं है कटाई संभव
क्षेत्र के किसानों का कहना है कि पिछले 3 दिनों से हुई बारिश ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है क्षेत्र के लगभग सभी गांव में 50 फीसदी से अधिक फसल खेतों में खड़ी हुई है। खेतों में पानी भरने से किसानों के हाथ बंध गए हैं। कटी फसल पर पानी गिरने से यह फूल जाता है दाना अंकुरित हो गया है। बारिश से दाना भी दागी होने की संभावना है। इसका मंडी में दाम भी नहीं मिलेगा कुल मिलाकर किसान की लागत निकलना भी मुश्किल दिखाई दे रहा है।
क्षेत्र में सबसे अधिक सोयाबीन
क्षेत्र में अभी तक 25 फीसदी सोयाबीन की कटाई हुई थी 4 अक्टूबर से हुई बारिश के चलते खेतों में पानी भर गया है कटी हुई फसल पानी में डूब गई है। इसका असर यह होता है कि दाना काला पड़ जाएगा। दाना दागी हो जाएगा। इसके भाव में 500 रुपएं प्रति कुंटल तक की कमी आ सकती है।