पधारो “नरों के इंद्र” — योगेंद्र जोशी

ब्रह्मास्त्र विशेष

शिवराज ने महाकाल लोक की रचना कर दी। जाहिर है बगैर महाकाल की कृपा और इच्छा के कुछ नहीं हो सकता। महाकाल लोक में भोलेनाथ का पूरा परिवार तो है ही, समस्त शिव लीलाओं का भी वर्णन है। यानी शिव पुराण तथा कई अन्य ग्रंथ जो लोग पढ़ या सुन नहीं पाते हैं, वह महाकाल लोक में आकर समस्त लीलाओं का आनंद ले सकेंगे। शिव परिवार के भी दर्शन कर सकेंगे और बाबा महाकाल के दर्शन तो होना ही है। लोग कह रहे हैं कि काशी विश्वनाथ कारीडोर से कई गुना भव्य महाकाल कारीडोर बनाया गया है। अभी तो सिर्फ पहला फेस ही बना है, जिसका आज मोदी जी लोकार्पण करने वाले हैं। महाकाल लोक की कुल लागत करीबन 856 करोड़ रुपए है। इस महाकाल लोक की रचना करने में यूं रकम बहुत बड़ी है और अभी तो यह महाकाल कारीडोर का श्रीगणेश है। जाहिर है धन और भी लगेगा। शायद शिवराज ने महाकाल लोक के आगे “श्री” शब्द लगाकर उज्जैन को श्री संपन्न करने का विचार कर लिया है। महाकाल लोक इतना बढ़िया बनाया गया है और उसकी ब्रांडिंग भी इतने अच्छे से की गई है कि इसकी प्रसिद्धि सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेश तक फैल रही है। एनआरआई को बुलाने की शुरुआत भी हो चुकी है। जाहिर है जब लाखों लोग महाकाल लोक को निहारने आएंगे, तब उज्जैन में श्री तो बरसना ही है। इस धन वर्षा के लिए ही इसे एक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। इतना ही नहीं बल्कि सरकार ने एक टैग लाइन भी दे दी है कि महाकाल लोक देखना है तो 2 दिन उज्जैन में रहना होगा। जाहिर है जब धर्म प्रेमियों और पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी तो उज्जैन का व्यापार भी कई गुना अधिक बढ़ जाएगा। अभी तक उज्जैन का व्यापार सिंहस्थ के दौरान और महाशिवरात्रि, नाग पंचमी, श्रावण मास आदि पर्वों में बढ़ता है, परंतु अब यह लगभग पूरे साल बूम करेगा। होटल, लॉज, धर्मशाला, खानपान, प्रसाद, अन्य धार्मिक सामग्री, यातायात के साधन से लेकर वे तमाम व्यवसाय तेजी पकड़ेंगे जो बाहर से आने वाले लोगों के लिए जरूरी होता है। इस तरह शिवराज ने बाबा महाकाल की कृपा से प्रजा को निहाल करने का एक बहुत अच्छा अवसर दे दिया है। महाकाल की नगरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस धर्म की क्षिप्रा को प्रवाहित करने आ रहे हैं, वह निश्चित स्वागत योग्य है। आज हर उज्जैनी और मालवावासी गौरवान्वित है। पधारो मोदी जी। पधारो नरों के इंद्र ( राजा )…।