महाकाल मंदिर के पीछे निगम की 20 दुकानों की तुड़ाई शुरू
उज्जैन । महाकाल मंदिर के पीछे रूद्रसागर के किनारे छह साल पहले बनी नगर निगम की 20 दुकानों की तुड़ाई निगम ने शुरू करा दी है। रेस्टारेंट के लिए बनाया वह स्ट्रक्चर जमींदोज कर दिया है, जिसे निगम सिर्फ 1 रुपये में महाकाल मंदिर प्रबंध समिति को देने का प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका था। यह वो स्ट्रक्चर था, जिसे किराये पर देने के लिए निगम ने 6 मर्तबा निविदा निकाली, पर प्रस्थापना मूल्य ढाई करोड़ रुपये और मासिक किराया लाख रुपये होने की वजह से किसी ने भी लेने में दिलचस्पी नहीं दिखाई थी।बता दें कि 20 दुकान और 1 रेस्टोरेंट का निर्माण पर निगम ने 2 करोड़ रुपये के आसपास खर्च किए थे। ये दुकानें प्रस्थापना मूल्य जमा कर किराये पर नीलाम करने से निगम को अच्छी खासी आय प्राप्त हुई थी। नीलामी में दुकाने 6 से 15 लाख रुपये तक में आवंटित कराई थी। करीब 10 वर्ग फीट की इन दुकानों को तोड़ने से पहले निगम ने सभी को नोटिस जारी किया था। कहा था कि जो किरायेदार दुकान के बदले दुकान लेना चाहता है या जमा की गई प्रीमियम वापस लेना चाहता है, वह लिखित में जवाब प्रस्तुत करें। जवाब में दुकान क्रमांक 11 और 13 के किरायेदार ने जमा प्रीमियम की राशि मांगी, जबकि शेष ने स्मार्ट सिटी कंपनी द्वारा बनाई जाने वाली दुकानों में विस्थापित होने की सहमति दी। निगम ने अनुबंध अनुसार दोनों किरायेदारों को बगैर ब्याज प्रीमियम राशि लौटाने की तैयारी की है। इधर सभी दुकान खाली कराकर निविदा प्रक्रिया कर अनुबंधित ठेकेदार से दुुकानों की तुड़ाई शुरू कराई है।नगर निगम आयुक्त क्षितिज सिंघल ने बताया कि स्मार्ट सिटी कंपनी नई दुकानों का निर्माण कर, निगम के प्रभावित किरायेदारों को नई दुकानों में विस्थापित करेगी। कंपनी, महाकाल मंदिर विस्तार एवं सुंदरीकरण परियोजना को तेजी से आकार दे रही है। कुछ महीनों में महाकाल मंदिर क्षेत्र का नया आकर्षक स्वरूप सबके सामने होगा। |
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