बाम्बे हॉस्पिटल और डाक्टरों पर छह लाख का जुर्माना, 50 हजार का हर्जाना भी
इंदौर। आपरेशन के दौरान यूरोलाजिस्ट को नहीं रखना बाम्बे हॉस्पिटल को महंगा पड़ा। यूरोलाजिस्ट नहीं होने से मरीज को तकलीफ उठाना पड़ी। जिला उपभोक्ता आयोग ने इसे लापरवाही मानते हुए अस्पताल प्रबंधन, स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. नीरजा पौराणिक और सर्जन डा. आशुतोष सोनी पर छह लाख रुपये हर्जाना लगाया है।
फैसला जिला उपभोक्ता आयोग क्र. दो की अध्यक्ष सरिता सिंह और सदस्य शैलेंद्र सिंह ने सुनाया। परिवादी माया नायर के पक्ष में फैसला सुनाते हुए आयोग ने माना कि बाम्बे अस्पताल, डा. नीरजा पौराणिक, डा. आशुतोष सोनी पर लापरवाही बरती। आयोग ने इन तीनों को आदेश दिया है कि वे पीड़िता को छह लाख रुपये हर्जाना स्वरूप, 50 हजार रुपये पीडिता को हुए मानसिक संत्रास के एवज में और 10 हजार रुपये वाद व्यय के रूप में अदा करें। यह रकम 30 दिन में देना होगी।
पद्मावती कालोनी इंदौर निवासी माया पति एमके नायर पेट में तेज दर्द होने पर 20 मार्च 2007 को डा. नीरजा पौराणिक को दिखाने गई। डाक्टर ने कुछ जांचे लिखी। 27 मार्च 2007 को डा. नीरजा पौराणिक और डा. आशुतोष सोनी ने माया नायर का बाम्बे अस्पताल में आपरेशन किया। इस दौरान मरीज की दोनों ओवरी और अपेंडिक्स निकाला गया। 31 मार्च 2007 को डाक्टर ने जांच के बाद महिला को डिस्चार्ज करने की सिफारिश कर दी, लेकिन इसी दिन मरीज के टांकों से द्रव्य बाहर आने लगा।