ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आम आदमी की तरह किए महाकाल दर्शन, बेरिकेट्स में बैठकर की पूजा
राजनीतिक सवालों के जवाब नहीं दिए, दर्शन कर रवाना हो गए
उज्जैन। भाजपा के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया आज मंगलवार की सुबह करीब 11 बजे महाकाल दर्शन करने के लिए पहुँचे। मंदिर में उन्होंने कोरोना से सुरक्षा के लिए प्रशासन द्वारा लागू सभी नियमों का पालन किया व आम आदमी की तरह प्रथम बैरिकेट्स में बैठकर उन्होंने भगवान महाकाल का पूजन अर्चन किया।
उनके साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. सत्यनारायण जटिया, मध्य प्रदेश के मंत्री तुलसी सिलावट सहित अन्य नेता भी मौजूद थे। पूजन पुजारी संजय गुरु, आशीष गुरु ने मंत्रोचार कर संपन्न कराया। पूजन, आरती करने के बाद वे मंदिर से रवाना हो गए। इस दौरान वहां मौजूद मीडिया ने उनसे चर्चा के लिए निवेदन किया तो पहले उन्होंने बात करने से मना कर दिया फिर पत्रकारों ने कैबिनेट मंत्री पद मिलने और दिल्ली बुलावे को लेकर सवाल किया तो नकार गए और बाद में सिर्फ दर्शन कर लिए इतना भर कहते हुए आगे चल दिए। बाद में सिंधिया ने इतना जरूर कहा आज मेरा सौभाग्य है कि मुझे महाकाल दर्शन करने का सौभाग्य मिला जब भी मैं उज्जैन आता हूं महाकाल के दरबार में धोक लगाता हूं। हमारा धर्म और दायित्व दोनों से मेरी यही कामना है कि कोरोना के युद्ध में मानव जाति को भगवान आशीर्वाद प्रदान करें। राहुल गांधी के ट्वीट पर कहा कि वे सिर्फ ट्वीट पर ट्वीट ही करते रहते हैं। मीडिया ने जब उनसे कहा कि मंत्री पद की बधाई तो स्वीकार कर लीजिए तो बात को टालते हुए कहा दर्शन कर लिए बस स्वीकार हो गई।
सिंधिया ने मास्क लगाकर दर्शन, पूजन किया तो कार्यकर्ताओं ने भीड़ कर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई
सिंधिया महाकाल दर्शन के लिए आए तो उन्होंने कोरोना से सुरक्षा के सभी नियम पालन किए। स्वयं ने मुंह पर मास्क लगाए रखा और उनके साथ चल रहे अन्य नेताओं ने भी मास्क लगा रखा था। लेकिन कार्यकर्ताओं ने अनावश्यक भीड़ कर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई और सिंधिया के साथ फोटो खिंचवाने की होड़ में आगे पीछे होकर भीड़ करते रहे। एक दो बार सिंधिया ने उन्हें टोका भी सही कि अभी मैं धार्मिक यात्रा पर हूं कृपया दूर-दूर चलिए। लेकिन कार्यकर्ताओं ने नहीं सुनी और पूरे समय उनके आगे पीछे लगे रहे और व्यवस्था बिगाड़ने रहे।
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