कुंडली मिलान की तरह खून की जांच को भी उतना ही महत्व दें – सांसद लालवानी
दैनिक अवन्तिका इंदौर
बदली लाइफ स्टाइल के कारण युवा वर्ग अस्वस्थ हो रहा है। हाल ही में 30 से 50 आयु वर्ग के बीच हुए सर्वे में यह बात सामने आई है। युवा पीढ़ी को अपनी दिनचर्या में व्यायाम को शामिल करना चाहिए। शादी के पहले जैसे हम जन्मपत्री का मिलान करते हैं, वैसे ही खून की जांच को भी प्राथमिकता देना चाहिए। ऐसा करने पर हम आने वाली पीढ़ी में बीमारियों को जाने से रोक पाएंगे।
ये बातें सांसद शंकर लालवानी ने शनिवार को एडवांस्ड होम्योपैथिक मेडिकल रिसर्च एवं वेलफेयर सोसायटी एवं आयुष मेडिकल वेलफेयर फाउंडेशन द्वारा होम्योपैथिक ट्रीटमेंट फार इंक्यूरेबल डिसिजेस विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में कही। कांफ्रेंस में आनलाइन शामिल हुए ब्रिटेन के चिकित्सक डा. शशिमोहन शर्मा ने कहा कि इंग्लैंड में कोरोनाकाल के बाद वैकल्पिक चिकित्सा के रूप में होम्योपैथी पर लोगों का विश्वास बढ़ा है। जब होम्योपैथी से असाध्य रोग से ग्रस्त मरीज स्वस्थ होता है तो उसकी माउथ पब्लिसिटी ने इस चिकित्सा विद्या को इंग्लैंड में काफी लोकप्रियता दी है।
होम्योपैथी के उपचार से बढ़ती है रोग प्रतिरोधक क्षमता
इंग्लैंड की डा. पद्मप्रिया नायर ने कहा कि होम्योपैथी के उपचार से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है, जिससे मरीज बड़ी से बड़ी बीमारी को मात दे सकता है। कार्यक्रम में डा. एके द्विवेदी ने बताया कि अप्लास्टिक एनीमिया, सिकल सेल, थेलेसिमिया जैसी बीमारियों का स्थायी इलाज भी होम्योपैथी में संभव है।