कल उज्जैन- इंदौर की यात्रा के बाद देश की राजधानी में सीएम

संकट के बादल छंटते ही शिवराज दिल्ली की देहरी पर

केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार से पहली मुलाकात, प्रदेश के लिए मदद का मिला आश्वासन

इंदौर/ दिल्ली। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कल उज्जैन और इंदौर की यात्रा करते हुए दिल्ली के लिए उड़ गए। रविवार देर शाम दिल्ली पहुंचकर केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार से उनके निवास पर मुलाकात की। मुख्यमंत्री चौहान ने केंद्रीय मंत्री से मध्यप्रदेश के विभिन्न प्रस्तावों को स्वीकृत करने का अनुरोध किया। केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार ने मुख्यमंत्री चौहान को आश्वस्त किया कि इस संबंध में शीघ्र कार्रवाई की जाएगी। पिछले दिनों उनकी कुर्सी पर संकट के बादल मंडराने की जो हवा चली थी उसके छंटते ही अब शिवराज भी बेशक दिल्ली में विचरण करते हुए राजनीतिक गुणा भाग कर रहे हैं। मध्यप्रदेश में अपने आप को और अधिक मजबूत बनाने के लिए अब उनके कदम दिल्ली के हर उस दरवाजे पर पहुंच रहे हैं, जहां से प्रदेश को मदद मिल सकती है। कल भगवान महाकाल का आशीर्वाद लेने के बाद दिल्ली में उनकी पहली मुलाकात केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार से हुई। जहां से उनकी मुराद पूरी होती नजर आ रही है। गौरतलब है कि दमोह उपचुनाव में हार के बाद से ही यह बात बार-बार उठ रही थी कि शिवराज की रवानगी होगी। उनके विकल्प के रूप में भी कई नाम सामने आने लगे थे, परंतु मोदी मंत्रिमंडल विस्तार के बाद यह सारे संकट के बादल छट गए। जिन्हें उनका विकल्प बताया जा रहा था वह सभी प्रभावहीन नजर आए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसी को राज्यपाल बनाकर भेज दिया तो मंत्री प्रहलाद पटेल का कद घटा दिया। बहरहाल अब निश्चिंत शिवराज इस ओर से अपना ध्यान हटा सकेंगे। गौरतलब है कि पिछले दिनों विभिन्न मंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं की आपकी मुलाकातों ने शिवराज पर संकट को और हवा दे दी थी
उधर , मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार से कहा कि भारत सरकार के राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम के तहत तीन पेंशन योजनाओं इंदिरा गाधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था, विधवा और नि:शक्त पेंशन योजना में भारत सरकार द्वारा जनगणना वर्ष 2001 को आधार बनाकर प्रदेश हेतु 22.05 लाख हितग्राहियों की संख्या का “स्टेट कैप” निर्धारित किया गया है। इस स्टेट कैप के अतिरिक्त 11.38 लाख पात्र हितग्राहियों पर 66.78 करोड रुपये प्रतिमाह राज्य शासन पर अतिरिक्त वित्तीय भार आ रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने केंद्रीय मंत्री से प्रेषित केन्द्रीय अनुदान प्रस्तावों की स्वीकृतियों एवं तीनों पेंशन योजनाओं में निर्धारित स्टेट कैप को रिवाइज कराये जाने का अनुरोध किया है।