एक दमकल के भरोसे सुसनेर क्षेत्र की जनता, गर्मी के मौसम में सामने आती है आगजनी की घटनाएं
सुसनेर। नगर परिषद के पास आगजनी की घटना को काबू करने के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। गर्मी ने दस्तक दे दी है। गर्मी में नरवाई सहित कारणों से आग लगने की घटना अधिक होती है। घटना को नियंत्रित करने नप के पास संसाधन की कमी है। नप की 2 में से 1 फायर ब्रिगेड कई साल से खराब खडी है। ऐसे में शहर और ग्रामीण अंचल में आग लगने की घटना होने पर उसे समय पर काबू नहीं करने से जानमाल के नुकसान पर रोका लगाने में दिक्कतें आ रही हैं। आग की घटना पर सोयत, नलखेडा से वाहन बुलाना पड़ रहा हैं। कई बार देखा गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोग अपने अपने तरीकों से आग पर काबू पाने का प्रयास करते हैं लेकिन भीषण अग्नि कांड में वह भी फायर ब्रिगेड से असहाय से नजर आते हैं। और आसपास के नगरो से फायर बिग्रेड की गाडी मंगवानी पडती है। क्षैत्र की लगातार बढती आबादी और आग की बढती घटनाओं के बावजूद अब तक आधुनिक फायर ब्रिगेड की गाडियो को लेकर विचार नही किया गया है। सुसनेर नगरीय क्षैत्र के 15 वार्डो के अलावा आसपास के ग्रामो में होने वाली घटनाओं पर एक ही फायर बिग्रेड सहारा है।
गर्मी के दिनो में सामने आती है घटनाऐं
गर्मी के दिनों में गेहूं की कटाई के बाद नरवाई में आग लगाने के मामले बहुत ज्यादा सामने आते हैं। नरवाई की आग से कई बार बड़ी घटनाएं भी हुई हैं। सीएमओ जगदीश भैरवे ने बताया 5 हजार लीटर पानी की क्षमता वाला फायर ब्रिगेड है। जो फायर बिग्रेड वर्ष 2000 में खरीदी गई थी। जो अब पूरी तरह से खराब हो चूकी है। वर्तमान में जो फायर बिग्रेड है वह 5 हजार लीटर की है।
छोटी दमकलें के अभाव में नहीं पहुची संकरी गलियों में
नगर में वर्तमान में जो फायर बिग्रेड है वह संकरी गलियों में नही पहुच पाती है। जिसके चलते इन क्षैत्रो में लगने वाली आग पर काबू पाने के लिए लोगो को स्थानीय साधन जुटाना पडते है। ग्रामीण क्षैत्रो में भी अक्सर यह देखने को मिला है कि संकरी जगह होने की वजह से आग बुझाने में फायर बिग्रेड पहुचने के बाद भी नाकाम नही है। नगर परिषद को छोटे दमकल वाहन खरीदने चाहिए जिससे यह गलियों में आसानी से पहुच सके।
समय पर मौजूद नही रहते चालक
एक मात्र फायर ब्रिग्रेड को थाना परिसर में खडा रखा जाता है। फायर ब्रिग्रेड के संचालन को लेकर जिस कर्मचारी की डयूटी लगाई गई है वह डयूटी पर कभी मौज्ूद नही रहता है। जिसके चलते कई बार आग लगने के बाद भी घंटो तक घटना स्थल पर फायर ब्रिग्रेड पहुच नही पाती है।