भैंस के आगे बीन बजाकर एवं आधी रोटी खाकर आशाओ ने सरकार तक पहुंचाई अपनी मांगे

देवास। अपनी विभिन्न मांगों को लेकर जिलेभर की आशा, उषा कार्यकर्ता 15 मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। शुक्रवार को 23वें दिन भी कार्यकर्ता हड़ताल पर रही। जिला अस्पताल परिसर में मांगों को लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
हड़ताल के दौरान आशा-उषा सहयोगिनी श्रमिक संघ की जिलाध्यक्ष सुनीता चौहान एवं अनुराधा लोधी ने कहा कि प्रदेश सरकार हमारा नौकरी के नाम पर शोषण कर रही है। हम लोगों को सरकार जीने लायक वेतन दे। इसी क्रम में हड़ताल पर बैठी अन्य कार्यकतार्ओं ने कहा कि हम लोगों को 23 दिन हड़ताल पर बैठे हुए हो चुके हैं। लेकिन अभी तक प्रदेश सरकार का कोई भी मंत्री हमारी समस्याओं को सुनने तक नहीं आया है। सरकार से हमारी मांग है कि आशा को 10 हजार और पर्यवेक्षकों को 15 हजार रुपए देना निश्चित किया जाए। आशा ऊषा पर्यवेक्षकों को कर्मचारी के रूप में नियमित किया जाए, तब तक न्यूनतम वेतन देने, न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपए किया जाए, भविष्य निधि, ईएसआई, ग्रेच्युटी, पेंशन सहित सामाजिक सुरक्षा लाभ दिया जाए। हड़ताल के दौरान संघ की पदाधिकारी व कार्यकतार्ओं ने जिला अस्पताल से विधायक निवास तक नारेबाजी कर ढोल के साथ रैली निकाली, जहां विधायक गायत्रीराजे पवार को ज्ञापन सौंपा। इसी क्रम में आशा-उषा कार्यकतार्ओं ने भैंस के आगे बीन बजाकर अपना विरोध प्रकट किया। 7 अप्रैल को कार्यकतार्ओं ने आधी रोटी खायेंगे, काम पर नही जायेंगे के नारे लगाकर विरोध दर्ज कराया। जिलेभर की कुल 1400 आशाएं हड़ताल पर है। जिससे स्वास्थ्य सेवाएं पूर्ण रूप से प्रभावित हो रही है। साथ ही टीकाकरण भी नियमित नही हो रहा है। संगठन मंत्री अनिता सिंह ने बताया कि हड़ताल 20 अप्रैल तक जारी रहेगी। यदि उसके बाद भी सरकार मांगे पूरी नही करती है तो प्रदेशभर की आशाएं भोपाल पहुंचकर मुख्यमंत्री निवास का घेराव करेगी।