ipl में इसके पहले भी रिंकू दिखा चुके के अपना हुनर, बहुत स्ट्रगल लाइफ, रिंकू की कहानी

इसके पहले भी रिंकू दिखा चुके के अपना हुनर,   LSG के खिलाफ लगभग जिता दिया था मैच पिछले साल 

पिछले IPL सीजन में कोलकाता 14 मैचों में 6 जीत के बाद 12 अंक लेकर 7वें स्थान पर रही। टूर्नामेंट में बने रहने के लिए लखनऊ सुपरजायंट्स के खिलाफ टीम को किसी भी हाल में जीतना था। LSG ने पहले बैटिंग करते हुए 20 ओवर में बगैर विकेट के 210 रन बना दिए। जवाब में नीतीश राणा, श्रेयस अय्यर और सैम बिलिंग्स ने अच्छी पारियां खेलीं, लेकिन जीत दूर थी।

अंत में रिंकू सिंह और West Indies सुनील नरेन बैटिंग पर थे।  18 बॉल पर 55 रन की जरूरत थी। नरेन और रिंकू ने बड़े-बड़े शॉट्स खेलने शुरू किए। शुरुआत नरेन ने पहले शुरुआत की विकेट के बाद आते ही पहली बोल 17 ओवर की लास्ट बोल खेली  और  छक्का लगाया  फिर अगले ओवर स्ट्राइक पर रिंकू,  18वें और 19वें ओवर में दोनों ने मिलकर 17-17 रन जोड़ लिए। अब आखिरी 6 बॉल पर 21 रन की जरूरत, रिंकू ने 4 बॉल पर 18 रन बना दिए। 2 बॉल पर 3 रन चाहिए थे और रिंकू बड़ा शॉट खेलने में कैच आउट हो गए। यहाँ रिंकू  ने गेप में शॉट बनाया 2 रनों के लिए लेकिन   West Indies लीविस ने जम्प लगा कर एक हाथ से केश नहीं पुरा मेच पकड़ लिया ओर् रिंकू आउट होगये फिर 1 बोल और 3 रन

आखिरी बॉल पर उमेश यादव भी आउट हो गए और KKR 2 रन के करीबी अंतर से मैच हार गई। रिंकू ने 15 बॉल पर 40 रन बनाए और नरेन 7 बॉल में 21 रन बनाकर नॉटआउट रहे।

रिंकू सिलेंडर ढोते थे, झाड़ू-पोंछे की नौबत भी आई:5 छक्कों के बाद बोले- जिन्होंने मेरे लिए बलिदान दिया, ये उन्हें समर्पित; रिंकू की कहानी…

 

आखरी १२ गेंदे और 55 रन 7 विकेट kkr केसे बने …..

 रिंकू  की १२ गेंदों में विस्पोटक बल्लेबाजी । 

21 बॉल में 48 रन की नॉटआउट पारी खेलने वाले रिंकू सिंह प्लेयर ऑफ द मैच बने।

 आखिरी 6 गेंदों पर KKR को 29 रन की जरूरत।

  • पहली बॉल पर उमेश यादव ने सिंगल लिया।
  • दूसरी बॉल लेफ्ट आर्म पेसर यश दयाल ने वाइड फुल टॉस फेंकी जिस पर शॉट बनाना बोहोत मुश्किल लेकिन, 16 गेंद पर 18 रन बनाकर बैटिंग कर रहे रिंकू ने वाइड लॉन्ग ऑफ पर उसी दिशा में छक्का लगा दिया।
  • तीसरी बॉल लेग स्टंप पर फुल टॉस, पर उसी दिशा स्क्वेयर लेग की दिशा में छक्का।
  • चौथी बॉल फिर वाइड फुल टॉस, रिंकू ने लॉन्ग ऑफ पर छक्का लगा दिया।
  • पांचवीं 2 बॉल में 10 रन की जरूरत। यश ने ऑफ स्टंप पर शॉर्ट पिच बॉल फेंकी और रिंकू ने इसे लॉन्ग ऑन के ऊपर 6 रनों के लिए भेज दिया।
  • आखिरी गेंद, स्लोअर शॉर्ट बॉल, रिंकू ने बॉल को भांपा और सामने की ओर बैकफुट पर शॉट मारकर डगआउट की तरफ दौड़ पड़े। बॉल साइट स्क्रीन से लगी और KKR 3 विकेट से रोमांचक मुकाबला जीत गई।

आखिरी 6 गेंदें और 29 रन का टारगेट। लगभग असंभव पर यहीं चमका एक नाम, जो अब सबकी जुबां पर है…रिंकू सिंह। रिंकू ने लगातार 5 गेंदों पर 5 छक्के लगाकर कोलकाता नाइट राइडर्स को जीत दिला दी।

सिर्फ जीत ही नहीं दिलाई, कई रिकॉर्ड तोड़े।

रिंकू से पहले अब तक किसी भी खिलाड़ी ने टी-20 लीग या इंटरनेशनल क्रिकेट के 20वें ओवर में 5 लगातार छक्के लगाकर अपनी टीम को जीत नहीं दिलाई थी। आखिरी ओवर में सबसे ज्यादा 29 रन बनाकर जीत दिलाने का भी रिकॉर्ड बना। इससे पहले महेंद्र सिंह धोनी 20वें ओवर में 23 रन बनाकर चेन्नई को जीत दिला चुके हैं।

रिंकू सिलेंडर ढोते थे, झाड़ू-पोंछे की नौबत भी आई:5 छक्कों के बाद बोले- जिन्होंने मेरे लिए बलिदान दिया, ये उन्हें समर्पित; रिंकू की कहानी…

कोलकाता ने रिंकू को 80 लाख रुपए में खरीदा था, पर रिंकू को उम्मीद थी कि सिर्फ 20 लाख मिलेंगे। वो भी उनके लिए काफी थे, क्योंकि परिवार गरीब था।

रिंकू आज IPL के सबसे चर्चित स्टार हैं, लेकिन एक वक्त ऐसा भी था, जब रिंकू सिलेंडर डिलीवर करते थे। तंगी ऐसी थी कि झाड़ू-पोंछा करने की नौबत भी आ गई थी।

KKR को दिए एक इंटरव्यू में रिंकू ने अपनी जिंदगी के बारे में बात की थी। उन्होंने बताया, “परिवार में 5 भाई हैं। पापा सिलेंडर डिलीवरी का काम करते थे। हम पांचों भाइयों से भी काम करवाते, जब कोई नहीं मिलता तो डंडे से पीटते थे। हम सारे भाई बाइक पर 2-2 सिलेंडर रखकर होटलों और घरों में डिलीवर करने जाते थे। सभी ने पापा को भी सपोर्ट किया और जहां भी मैच होते तो सारे भाई एक साथ ही खेलने जाते थे।

मोहल्ले में 6-7 और लड़के थे, जिनके साथ पैसे मिलाकर गेंद लाते। टेनिस और लेदर बॉल से क्रिकेट खेलना शुरू किया था। UP के अलीगढ़ में मॉडर्न स्कूल से भी क्रिकेट खेला। इंटर स्कूल टूर्नामेंट में 32 बॉल पर 54 रन की नॉटआउट पारी खेली।

शुरुआत में क्लब क्रिकेट खेलने का पैसा नहीं था तो सरकारी स्टेडियम में कार्ड बनवाकर प्रैक्टिस करता था। मैच खेलने के लिए पैसे लगते, घरवालों से मांगों तो कहते थे कि पढ़ाई करो।

पापा खेलने के लिए हमेशा मना करते थे, मम्मी थोड़ा सपोर्ट करती थीं। शहर के पास एक टूर्नामेंट हुआ, उसके लिए पैसे चाहिए थे। मम्मी ने दुकान से एक हजार रुपए उधार लेकर दिए थे।”

रिंकू की कहानी में आगे बढ़ने से पहले जानिए। 5 सिक्स लगाने के बाद उन्होंने क्या कहा और साथ ही देखिए एक तस्वीर…

मैच के बाद रिंकू ने कहा, “मैं किसान परिवार से आता हूं और पिता ने बहुत स्ट्रगल किया। मैंने जितने भी शॉट्स ग्राउंड के बाहर लगाए, ये उन्हें ही समर्पित है, जिन्होंने मेरे लिए अब तक बलिदान दिया।”

IPL में सिलेक्ट होने से पहले रिंकू सिंह का पूरा परिवार इस कमरे में रहता था।
IPL में सिलेक्ट होने से पहले रिंकू सिंह का पूरा परिवार इस कमरे में रहता था।

KKR की जीत के बाद अलीगढ़ स्टेडियम के पास 2 छोटे कमरों का घर हर जगह चर्चा में है। इसी में रिंकू अपने 5 भाई-बहनों और माता-पिता के साथ रहते थे। अब उनके IPL में आने के बाद सब बदल गया है।

रिंकू ने IPL सिलेक्शन की कहानी भी बताई। इंडियन एक्सप्रेस से रिंकू ने कहा, “सोचा था 20 लाख में जाऊंगा, लेकिन मुझे 80 लाख में खरीदा गया। पहली चीज जो दिमाग में आई, वो यह थी कि बड़े भाई की शादी में मैं भी कुछ मदद कर पाऊंगा। बहन की शादी के लिए भी कुछ बचा लूंगा और एक अच्छे से घर में शिफ्ट हो जाऊंगा।

3 साल पहले परिवार पर 5 लाख कर्ज था। कर्ज चुकाने में दिक्कत आ रही थी। ये हम लोगों के बस की बाहर की चीज थी। मैं नौवीं फेल हूं। जानता हूं कि क्रिकेट ही इकलौता चांस है।

UP की अंडर-19 टीम से खेल रहा था तो वहां मिलने वाली रिप्रेजेंटेशन मनी यही कर्ज चुकाने में चली जाती थी। 2 साल पहले इंडिया अंडर-19 के लिए भी चांस बने पर अंडर-19 वर्ल्ड कप में नहीं खेल पाया। परिवार की मुश्किलें देखते हुए क्रिकेट पर पूरा फोकस करना ही था।”

रिंकू कहते हैं- लाइफ में बहुत स्ट्रगल किया, लगता है कि भगवान उन दिनों की भरपाई कर रहे हैं।

मां वीणा देवी के साथ रिंकू सिंह। वीणा शुरुआत से ही रिंकू को क्रिकेट खेलने के लिए सपोर्ट करती रही हैं।
मां वीणा देवी के साथ रिंकू सिंह। वीणा शुरुआत से ही रिंकू को क्रिकेट खेलने के लिए सपोर्ट करती रही हैं।

रिंकू ने बताया, “परिवार को भी तब भरोसा होने लगा, जब दिल्ली के एक टूर्नामेंट में मैन ऑफ द सीरीज जीतने के बाद मोटरसाइकिल मिली थी। जल्द ही इससे भी सिलेंडर डिलीवरी की जाने लगी। रिश्तेदार बोलते थे कि भाई के साथ काम कर लो। भाई से बोला कि कहीं काम दिला दो। उसने मुझे कोचिंग में झाड़ू-पोंछा की जॉब दिलाई। मैंने मना कर दिया। मुझे पता था कि मेरे लिए क्रिकेट ही सब कुछ है। वहां से गेम पर ही पूरा फोकस लगाया। क्रिकेट ही एकमात्र ऑप्शन था।”

कोच ने मदद की, पहली किट दूसरे ने दिलाई थी…

कोच मसूद अमीनी के साथ रिंकू सिंह।
कोच मसूद अमीनी के साथ रिंकू सिंह।

रिंकू ने कहा, “बचपन में अच्छा खेलने लगा तो दूसरी टीमों में मौका मिलने लगा। पैसे भी नहीं लगते थे, कोच मसूद अमीनी सर ने भी खूब सपोर्ट किया। मोहम्मद जीशान भैया ने क्रिकेट किट दिलाई। 2010-11 में UP स्टेट अंडर-16 टीम के ट्रायल्स दिए, लेकिन फर्स्ट राउंड में बाहर हो गया।

2012 में पहली बार अंडर-16 टीम में सिलेक्ट हुए, पहले ही मैच में 154 रन बना दिए। अंडर-19 टीम में सिलेक्ट होने के बाद रणजी ट्रॉफी डेब्यू भी कर लिया। यहां से फिर विजय हजारे और सैयद मुश्ताक अली टी-20 ट्रॉफी भी खेलने लगा।”

रिंकू सिंह ने 11-12 साल की उम्र में लेदर बॉल क्रिकेट खेलना शुरू किया।
रिंकू सिंह ने 11-12 साल की उम्र में लेदर बॉल क्रिकेट खेलना शुरू किया।

उन्होंने कहा, “घरेलू क्रिकेट की वजह से मुझे नोटिस किया जा रहा था। 2021 में पंजाब किंग्स ने खरीदा पर पूरा सीजन बेंच पर ही बीत गया। इसके बाद मुंबई इंडियंस ने सिलेक्शन ट्रायल के लिए बुलाया। वहां 31 बॉल पर 91 रन बनाए। मुझे लगा कि मैंने कुछ प्रभाव डाला। घरेलू क्रिकेट में अच्छा कर रहा था।