डॉक्टर ने 18 की उम्र में दो इंच की हड्डी से बना दिया पैर का नया पंजा
इंदौर। सीहोर जिले की 18 वर्षीय युवती के एक पैर का पंजा जन्म से पूरी तरह से विकसित नहीं हो सका था। माता-पिता ने मान लिया था कि उसे इस जन्मजात विकृति के साथ ही जीना होगा। 18 साल गुजर गए। करीब डेढ़ साल पहले वे हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. अरविंद वर्मा जांगिड़ से मिले, तब उन्हें पता चला कि इसका इलाज संभव है और युवती दोनों पैरों पर आसानी से चल सकती है।
डॉ. वर्मा ने बताया, युवती का एक पैर का पंजा बना ही नहीं था और पंजे की 28 हड्डियों की जगह सिर्फ दो इंच की हड्डी थी। एक की तुलना में दूसरा पैर 29 सेमी छोटा था। हमने एक साल में तीन ऑपरेशन किए। अब पैर की लंबाई 26 सेमी तक बढ़ाई गई। वहीं दो इंच की हड्डी के टुकड़े से पंजे को आकार दिया गया। इस तकनीक को डिस्ट्रक्शन ऑस्टियोजेनेसिस और डिस्ट्रक्शन हिस्टियोजेनेसिस तकनीक कहते हैं। यह नई तकनीक नहीं है। इसका प्रयोग पहले भी होता रहा है, लेकिन यह दुनिया का पहला केस है जिसमें 26 सेमी तक पैर की लंबाई बढ़ाई गई हो। इसके पहले इस तकनीक से 8 इंच यानी 20 सेमी तक ही पैर की लंबाई बढ़ाई गई है।