महाकाल मंदिर में अस्थाई दुकानदारों की रोजी-रोटी पर रोजाना का संकट, सुबह दुकान लगाते, पर्ची कटती और शाम को हटा देते
उज्जैन। महाकाल मंदिर में छोटी-छोटी वस्तुओं की अस्थाई दुकान वाले सुबह से दुकान लगाते हैं…और शाम को उन्हें विस्तारीकरण निर्माण कार्य का हवाला देकर हटा दिया जाता है। इस बीच दुकानदार नगर निगम को शुल्क भी रोज जमा कर रहे हैं। नगर निगम की टीम बाकायदा दुकानों पर आकर 20- 30 रुपये की रोजाना रसीद भी काट रही है। छोटी-छोटी दुकान चलाकर जैसे- तैसे अपनी रोजी-रोटी कमाने वाले इन दुकानदारों का कहना है कि जब विस्तारीकरण का कार्य चलेगा, तब दुकान हटा लेंगे, लेकिन अभी कोई काम भी नहीं चल रहा है और रोज शाम को आकर हटा देते हैं। इससे हमारी रोजी-रोटी पर गहरा असर पड़ रहा है।
दुकानदारों का कहना है कि आखिर हम हमारी दुकान कहां लगाएं। हमारी पर्ची भी काट रहे हैं और हमारी दुकान भी हटा रहे हैं। ऐसे में हम अपने बच्चों को क्या खिलाएं ? हम गरीब लोग हैं। जैसे तैसे दिनभर जो कमाते हैं उसी पर हमारा गुजारा चलता है।
नगर निगम और महाकाल विस्तारीकरण से संबंधित अधिकारी शाम को आते हैं और दुकान हटाने का कहने लगते हैं। यदि दुकान नहीं हटाओ तो बलपूर्वक हटाने के बाद की जाती है। हम गरीब आखिर कहां जाएं।