ई-रिक्शा को एक युनिक आईडी देने के कलेक्टर ने जारी किए आदेश
उज्जैन। कलेक्टर कुमार पुरूषोत्तम ने शहर में यातायात व्यवस्था की समीक्षा के बाद शहर में लगातार बढ़ रही ई-रिक्शा की संख्या के मद्देनजर कलेक्टर ने निर्देश दिये कि ई-रिक्शा डिलर्स नए ई-रिक्शा का पंजीयन ना कराएं। नये ई-रिक्शा का ट्रेड सर्टिफिकेट इश्यू न करें। केवल उज्जैन जिले में रजिस्टर्ड ई-रिक्शा ही चलाये जाने की अनुमति प्रदान की जाये। कलेक्टर ने निर्देश दिये कि जिले के सभी ई-रिक्शा चालकों का डाटाबेस अगले 15 दिन में तैयार करवाया जाये। ई-रिक्शा पर नंबरिंग सिस्टम लागू किया जाये। हर ई-रिक्शा को एक यूनिक आईडी प्रदाय की जाये। सभी वाहन जिनमें जीपीएस लगे हैं उन्हें स्मार्ट सिटी के कंट्रोलरूम से जोड़ा जाये। महाकाल मंदिर और महाकाल लोक के आस-पास 500 से 700 मीटर के दायरे में नो व्हीकल झोन बनाये जाने पर चर्चा के दौरान कलेक्टर ने कहा कि श्रृ्द्धालुओं को अवागमन में किसी भी प्रकार की असुविधा न हो इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था भी की जाये। चारधाम मंदिर के समीप नगर पालिक निगम और उज्जैन स्मार्ट सिटी द्वारा निजी जनभागीदारी के अंतर्गत उज्जैन स्मार्ट सिटी ट्रान्सपोर्ट लिमिटेड के अनुबंधित ई-रिक्शा सीमित संख्या में संचालित किये जायें। इसके लिए टेंडर बुलाये जायें। उक्त ई-रिक्शा चालकों द्वारा आरटीओ के अनुसार निर्धारित दर पर रिक्शा का संचालन उक्त क्षेत्रों में किया जायेगा। कलेक्टर ने कहा कि बाहर से आने वाले श्रृ्द्धालुओं से ई-रिक्शा चालकों द्वारा मनमाने तरीके से किराया वसूल किये जाने की शिकायतें प्राप्त हुई हैं। अत: आरटीओ द्वारा अभियान चलाया जाकर एक रेट लिस्ट का निर्धारण किया जाये। प्रत्येक ई-रिक्शा को यह रेट लिस्ट अनिवार्य रूप से चस्पा करनी होगी। रेट लिस्ट आरटीओ द्वारा अप्रूव्ह की जायेगी।
उज्जैन शहर में वर्तमान में तीन हजार ई-रिक्शा संचालित किये जा रहें हैं। चारधाम मंदिर और छोटा रुद्र सागर की तरफ बड़े वाहनों का प्रवेश पूर्णरूप से बंद किये जाने के निर्देश दिये गये।