शिक्षा विभाग की घोर लापरवाही, पूरे प्रदेश के रिजल्ट में गड़बड़ी- उज्जैन में पांचवी- आठवीं बोर्ड पैटर्न के लगभग सभी बच्चे फेल
अधिकांश बच्चों को आए 0 अंक, जिले के 300 स्कूल प्रभावित
उज्जैन। बोर्ड पैटर्न से पांचवी और आठवीं की परीक्षा के परिणाम में शिक्षा विभाग की घोर लापरवाही सामने आई है। उज्जैन समेत पांचवी और आठवीं का रिजल्ट पूरे मध्यप्रदेश में आ गया है। यह बात और है कि टेक्निकल गड़बड़ियों की वजह से राज्य शिक्षा केंद्र की वेबसाइट नहीं चल पाई और खुद सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप कर माफी भी मांगना पड़ी। बावजूद इसके ढर्रा नहीं सुधरा और जो जिम्मेदार है, उन्होंने वेबसाइट सुधरना तो दूर रिजल्ट तक नहीं सुधरवाया। बताया जाता है कि पूरे प्रदेश में रिजल्ट में कुछ न कुछ गड़बड़ी पाई गई है।
बदहाली का आलम यह है कि उज्जैन के 78 स्कूलों में तो जीरो रिजल्ट आया है। वैसे उज्जैन जिले के सरकारी स्कूल सहित करीबन 300 निजी और शासकीय स्कूल प्रभावित हुए हैं।
जिन बच्चों का उत्कृष्ट स्कूल के लिए चयन हुआ वह भी फेल
जिन बच्चों का उत्कृष्ट स्कूल के लिए चयन हुआ है, वे बच्चे भी फेल हो गए। ऐसा भी हुआ है कि गणित में 90 नंबर आए हैं, जबकि हिंदी विषय में सिर्फ एक नंबर। ऐसी कई विसंगतियां हैं। किसी को जीरो किसी को 11 तो किसी को 21 अंक आए। ऐसा भी हुआ है कि किसी बच्चे को अधिकांश विषयों में एक जैसे नंबर आए। कोई बच्चा पास नहीं हुआ।ऐसा कैसे हो सकता है..? यह ज्वलंत प्रश्न पालकों से लेकर स्कूल संचालकों तक में मंडरा रहा है। कई माता-पिताओं ने तो बच्चों को पीट तक दिया कि वह पास नही हो पाए वही कई पालकों ने स्कूल संचालको पर गुस्सा उतारा।
जांचने के लिए मंदसौर गई थी उत्तर पुस्तिकाएं
इक्का-दुक्का बच्चे पांचवी – आठवीं में पास हुए हैं। उज्जैन शहर की पांचवी आठवीं की कॉपियां मंदसौर जांचने के लिए गई थी, ,वही ग्रामीण क्षेत्र की कॉपियां दूसरे शहर में गई थी, इसलिए वहां का रिजल्ट थोड़ा सा ठीक आया है। ऐसे में बच्चों से लेकर पालकों का गुस्सा सातवें आसमान पर है।
छोटे-छोटे अबोध बच्चे पांचवी और आठवीं में पढ़ाई और ट्यूशन के बाद भी कैसे फेल हो सकते हैं ? यह शोध का विषय है? वहीं जिन जिम्मेदारों ने कॉपियां जांची है उन्होंने काफी तकनीकी और व्यवहारिक गलतियां की है, ,जिसके चलते उज्जैन अशासकीय शाला संगठन में भी भारी रोष है।
संयुक्त संचालक को सौंपा ज्ञापन
अशासकीय शाला प्रतिनिधि संगठन के जिला उपाध्यक्ष जितेंद्र निगम ने बताया कि इस बार बोर्ड पैटर्न पर पांचवी और आठवीं की परीक्षा हुई थी, परंतु जब परिणाम आया तो सभी दंग हैं। उज्जैन शहर के किसी भी स्कूल का 100 प्रतिशत रिजल्ट नहीं बना है। बल्कि 0% रिजल्ट की संख्या ज्यादा है। बुधवार शाम को शिक्षा विभाग के संयुक्त संचालक श्री मंडलोई से उज्जैन जिले के करीबन 300 स्कूल संचालकों ने जाकर मुलाकात की। उन्हें पूरी परिस्थिति से अवगत करवाया गया।
कापियां दिखाएं या रिजल्ट सुधारें
उन्होंने मांग की है कि या तो जीरो रिजल्ट वाले तथा फेल हुए छात्रों की उत्तर पुस्तिकाएं दी जाएं या फिर रिजल्ट को सुधारा जाए। ज्वाइंट डायरेक्टर श्री मंडलोई को ज्ञापन भी सौंपा गया। इस अवसर पर संगठन के प्रदेश सचिव विक्रम राठौर, शहर अध्यक्ष जितेंद्र शिंदे, जिला कोषाध्यक्ष महेश जायसवाल, भारत सिंह चौधरी, राजेश द्विवेदी सहित संगठन के कई पदाधिकारी व निजी स्कूल संचालक मौजूद थे। संगठन के जिला उपाध्यक्ष श्री निगम ने बताया कि ज्वाइंट डायरेक्टर ने आश्वासन दिया है कि वह पूरे मामले को दिखाएंगे और जांच करवाएंगे। बताया जाता है कि इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी आनंद शर्मा, बीआरसी संजय शर्मा को भी जानकारी दी गई है। शिक्षा विभाग की इस घोर लापरवाही को लेकर स्कूल संचालकों मैं भारी आक्रोश है।