दो हजार के नोट से खरीदी पर सोना महंगा, पेट्रोल पंप पर जमकर आ रहे गुलाबी नोट
इंदौर। दो हजार के नोट बंद करने की रिजर्व बैंक की घोषणा से शहर के बाजार ऊपरी तौर पर अप्रभावित दिख रहे हैं। हालांकि, अंदर ही अंदर तिजोरी में जमा नोट खपाने की कोशिशें शुरू हो चुकी हैं। सराफा में शनिवार को सोने के दामों में उछाल आया। खास बात ये कि गुलाबी नोटों से खरीदी करने पर सोने के दाम प्रति दस ग्राम 3 से 5 हजार रुपये ज्यादा लिए जा रहे हैं। पेट्रोल पंप कर्मचारी भी बैंक में करीब 12 लाख रुपये के दो हजार के नोट जमा करवाने पहुंचा।
शनिवार को बाजार मेें सोने के दामों में 850 रुपये प्रति दस ग्राम का उछाल आया। आम ग्राहकों के लिए सोने के दाम शनिवार को इंदौर में (24 कैरेट बार) 62 हजार 200 रुपये प्रति दस ग्राम पर पहुंच गए। दो हजार के नोटों से सोना खरीदने पर प्रति दस ग्राम तीन से पांच हजार रुपये तक ज्यादा लिए जा रहे थे।सोना-चांदी कारोबारियों के अनुसार कई लोगों ने सीधे बुलियन कारोबारी यानी थोक में सोना बेचने वालों से बात की। दो हजार के नोट से नकद में खरीदी पर सोने के दाम 65 हजार से 67 हजार रुपये प्रति दस ग्राम बताए गए।
इसी बीच पेट्रोल पंपों के जरिए भी दो हजार के नोटों को खपाया जा रहा है। शनिवार दोपहर करीब एक बजे परदेशीपुरा स्थित स्टेट बैंक आफ इंडिया में एक व्यक्ति दो हजार के 595 नोट यानी 11 लाख 90 हजार रुपये जमा करवाने पहुंचा। कर्मचारी पेट्रोल पंप के खाते में राशि जमा करवा रहा था। बैंक की खिड़की पर बैठे व्यक्ति ने उससे पूछताछ की तो उसने खुद को पंप का कर्मचारी बताया और कहा कि ग्राहक से मिले नोट ही जमा करवाए जा रहे हैं।
कई जगह लेने से इनकार
इस बीच बाजार में थोक व्यापारी और माल व बड़े स्टोर्स में दो हजार के नोट स्वीकार किए जाते रहे। हालांकि कई छोटे दुकानदारों, ज्वैलर्स ने दो हजार के नोट स्वीकारने से इनकार भी कर दिया। कुछ लोगों ने शिकायत की कि सरकार ने नोट बंद नहीं किए हैं लेकिन रेलवे की टिकट बुक करने के लिए एजेंटों ने भी दो हजार के नोट लेने से इनकार कर दिया। कान्फडेशन आफ इंडियन ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमेश गुप्ता ने कहा कि व्यापारियों में नोटों को लेकर कोई चिंता नहीं है। बाजार में वैसे भी ये नोट नहीं है। इसका असर भ्रष्टाचार से धन जमा करने वाले नौकरशाहों और नेताओं पर ही दिखाई देगा।
बैंकों के सीसीटीवी फुटेज रहेंगे सुरक्षित
बैंकों में जमा होने वाले नोटों की जानकारी तो सीधे ही सरकार, आयकर और अन्य एजेंसियों की पहुंच में रहेंगी। बैंकों ने रिकार्ड सुरक्षित रखने का काम अपने स्तर पर कर लिया है। नोट एक्सजेंच और जमा के लिए विस्तृत गाइड लाइन का इंतजार बैंक कर रहे हैं। दरअसल, बैंकों को बीती नोटबंदी का अनुभव है। छह महीने बाद तक आयकर ने नोट बदलाने वाले लोगों की सूची मांगी थी। ऐसे में बैंक रिकार्ड के साथ अपने सीसीटीवी फुटेज भी सुरक्षित रखने के निर्देश शाखाओं में दे रहे हैं।