शिवाजी प्रतिमा के समक्ष घोष वंदन, माल्यार्पण कर बताया राज्याभिषेक दिवस की महत्ता

हिंद स्वराज्य दिवस के साथ शुरू हुए वर्षभर होने वाले कार्यक्रम की श्रृंखला
दैनिक अवन्तिका इंदौर
हिन्दवी स्वराज्य समारोह समिति, मालवा प्रांत द्वारा छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक दिवस पर शुक्रवार को शिवाजी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। इसके साथ ही वर्षभर होने वाले कार्यक्रमों की शुरूआत हुई। शिवाजी प्रतिमा के समक्ष घोष वंदन हुआ एवं बड़ी संख्या में जनसामान्य उपस्थित था। इस मौके पर वक्ताओं ने राज्याभिषेक का महत्व बताया।
हिन्दवी स्वराजय समारोह समिति, मालवा प्रांत के अध्यक्ष पूर्व न्यायाधीश उच्च न्यायालय उमेश माहेश्वरी सहित समिति के अन्य सभी सदस्यों ने शिवाजी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। कार्यक्रम में समिति के संयोजक सचिन बघेल ने अपने संबोधन में शिवाजी महाराज के राज्य अभिषेक के पूर्व देश की परिस्थिति, शिवाजी के संकल्प एवं संघर्ष तथा राज्य अभिषेक के महत्व एवं प्रभाव पर प्रकाश डाला। आपने समिति द्वारा प्रांत में वर्ष भर चलने वाले कार्यक्रमों की रुपरेखा की जानकारी दी। कार्यक्रम का समापन सामूहिक वंदे मातरम् के साथ हुआ।
28 जिलों में वर्षभर होंगे कार्यक्रम
छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक अर्थात् हिन्दवी स्वराज्य की स्थापना का 350वां वर्ष ज्येष्ठ शुक्ल त्रयोदशी तदनुसार 2 जून शुक्रवार से प्रारंभ हुआ। लंबे और सतत संघर्षों के परिणामस्वरूप हुए शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक और हिन्दू पदपादशाही की स्थापना के विजयोत्सव को समिति द्वारा बड़े स्तर पर पूरे मालवा प्रांत में मनाया जाएगा।
प्रांत के सभी २८ जिलों में गणमान्य नागरिकों एवं सामाजिक कार्यकतार्ओं की समितियों का गठन किया जा रहा है। प्रांतीय समिति एवं जिला समितियों द्वारा हिन्दवी स्वराज्य की स्थापना के 350 वर्ष पूर्ण होने पर अनेक कार्यक्रम आयोजित होंगे।
जिला केन्द्र एवं नगर स्तर पर व्याख्यान, परिसंवाद, शोध-संगोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा। प्रांत के गांव गांव तक राज्याभिषेक के विषय को ले जाने के लिये विभिन्न नवाचारी कार्यक्रम जैसे प्रभातफेरी, वाहन रैली, गृहसंपर्क, राज्याभिषेक एवं शिवाजी के जीवन चरित्रा पर प्रदर्शनी का आयोजन भी किया जाएगा। शिवाजी के प्रेरणादायी जीवन प्रसंगों पर आधारित नाट्य मंचन, कथा-प्रवचन, चलचित्र प्रदर्शन और गीत-संगीत आधारित कार्यक्रम भी आयोजित किये जाएगा।
विवि एवं महाविद्यालयों में भी विभिन्न गोष्ठियों, परिचर्चा, सेमिनार का आयोजन इस निमित्त होगा। विद्यालयों में भी शिवाजी के राज्याभिषेक और हिन्दवी स्वराज्य की स्थापना को चिरस्थायी बनाने के उद्देश्य से व्याख्यान सहित भाषण, प्रश्नमंच, चित्रकला और अभिनय प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा।