आज समाज को अपने आसपास के परिवेश के प्रति जागरूक रहने की आवश्यकता

उज्जैन। लोकमान्य तिलक विद्यालय परिसर में चल रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ- मध्य क्षेत्र के 21 दिवसीय संघ शिक्षा वर्ग द्वितीय वर्ष (सामान्य) का समापन रविवार शाम 6 बजे क्षीर सागर मैदान पर प्रकट कार्यक्रम के साथ हुआ। इस अवसर पर मध्य क्षेत्र के क्षेत्र सहकार्यवाह हेमंत जी मुक्तिबोध ने अपने मुख्य वक्तव्य में कहा कि आज समाज को अपने आसपास के परिवेश के प्रति जागरूक रहने की आवश्यकता है। समाज में भारत, भारतीयता और हिंदुत्व के प्रति एक विकृत विमर्श खड़ा करने की कोशिश हो रही है। पाठ्यक्रम, कला, साहित्य, आदि क्षेत्रों को हिंदुत्व विरोधी विमर्श का केंद्र बनाया जा रहा है। हिंदू समाज को एक समग्र ईकाई की तरह न देखते हुए उसे जातियों, वर्गों और श्रेणियों में विभाजित समाज के रूप में चित्रित किया जा रहा है। इसी चिंतन के फलस्वरूप संघ में दैनिक शाखा तथा विभिन्न प्रकार के वर्गों का काम प्रारंभ हुआ। उन्होनें कहा कि संघ के वर्गों में शारीरिक तथा बौद्धिक प्रशिक्षण और सामूहिकता तथा सहजीवन के संस्कार प्राप्त कर स्वयंसेवक समाज में अपनी सकारात्मक भूमिका का निर्वहन करते हैं। समाज की सहभागिता से स्वयंसेवकों के सेवा कार्यों ने सामाजिक परिवर्तन और उत्थान के उदाहरण प्रस्तुत किए है। इस दौरान मुख्य अतिथि दीप चंद जाटव, वरिष्ठ समाजसेवी, उज्जैन ने भी प्रशिक्षार्थी स्वयंसेवकों को संबोधित किया। इस अवसर पर वर्ग के सर्वाधिकारी चरणजीत सिंह कालरा और उज्जैन महानगर सह संघचालक योगेश भार्गव उपस्थित हुए।