मूलभूत अधिकारों की मांग को लेकर सरपंचों ने निकाला पैदल मार्च

उज्जैन। प्रशासनिक समन्वय, जनकल्याण व मूलभूत आवश्यक्ताओं को लेकर राष्ट्रीय सरपंच संघ द्वारा जिलाध्यक्ष सतीश शर्मा के नेतृत्व में जिला पंचायत कार्यालय से कलेक्टर कार्यालय तक शांतिपूर्ण पैदल मार्च निकाला गया। कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर जिले के समस्त सरपंचों को कार्य में आ रही बाधा तथा जिला स्तरीय चंद अधिकारियों की हठधर्मिता, मनमानी तथा जानबूझकर सरपंचों के अधिकारों में की जाने वाली कटौती के विरोध में मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।
सतीश शर्मा ने बताया कि ज्ञापन के माध्यम से 11 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा जिसमें मांग की गई कि जिले के पंचायत क्षेत्र में आने वाले प्रत्येक गांव में ग्रेवल सड़क एवं नरेगा योजनातर्गत सुदूर खेत सड़क निर्माण की स्वीकृती प्रदान की जावे। अमृत सरोवर निर्माण योजना में किसी भी प्रकार की कटौती नही की जाकर नियमानुसार पूर्ण राशि ग्राम पंचायतों को प्रदान की जावे। ग्राम पंचायतों में पदस्थ सचिव एवं रोजगार सहायक की पद स्थापना / स्थानांतरण सरपंच की अनुशंसा के आधार पर की जावे। जिला पंचायत की सी.ई.ओ. की तानाशाही व्यवहार तथा जनहितैषी कार्यों के प्रति उदासीनतापूर्ण रवैया में शीघ्र सुधार हो अन्यथा राष्ट्रीय सरपंच संघ स्थानांतरण हेतु आंदोलन करेगा। प्रत्येक माह की 2 तारीख को जनपद स्तरीय राष्ट्रीय सरपंच संघ के पदाधिकारियों के साथ मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत की बैठक निश्चित की जावे। प्रत्येक माह की 5 तारीख को राष्ट्रीय सरपंच संघ के जिला स्तरीय पदाधिकारियों की मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत उज्जैन के साथ बैठक निर्धारित की जावे। ग्राम पंचायत के सचिव एवं रोजगार सहायक नियमित रूप से अपने पंचायत कार्यालय में उपस्थित रहे यह आदेश जारी किये जाये। बी.पी.एल. राशन कार्ड बनाने के नियमानुसार अंतरिम अधिकार पूर्व की तरह ग्राम पंचायतों को प्रदान किये जावे। प्रधानमंत्री आवास योजना का पोर्टल खोला जाएं ताकि वंचित योग्य हितग्राहियों का चयन किया जा कर आवास सूची में नाम जोड़ा जा सके। जिले की सभी जनपद कार्यालयों में अधिकारियों कर्मचारियों की शतप्रतिशत उपस्थिति सप्ताह के एक कार्यदिवस पर सुनिश्चित की जावे। ताकि जनकल्याण संबंधित तथा तकनीकि स्वीकृति समय रहते प्राप्त की जा सके। जनपद पंचायतों में क्षेत्रीय विधायक तथा संसद सदस्य के अनुशंसा पत्र लगने के बाद भी निर्माण कार्यों की तकनीकि स्वीकृति प्रदान नहीं की जाती है अत: इस प्रकार के प्रकरणों पर अविलम्बर कारणों के उल्लेख कर पंचायत को प्रेषित करें जनप्रतिनिधियों का सम्मान रखा जावे।