नैनावद : बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में गोल्ड लोन के नाम पर बड़ा घोटाला

शाजापुर। जिले के मक्सी थानांतर्गत ग्राम नैनावद में स्थित बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में गोल्ड लोन के नाम पर बड़ा घोटाले सामने आया है। जिसमें भोले-भाले ग्रामीणों को ठगी का शिकार बनाया गया। नकली सोना रखकर इनके नाम से गोल्ड लोन लिया गया। बैंक से गोल्ड लोन देने के मामले में बैंक प्रबंधन एवं वैल्यूअर की भूमिका सामने आ रही है। तीनों ने मिलकर बैंक के ग्राहकों को बताया गोल्ड लोन के लिए टारगेट मिला है जिसे पूरा करना है। सोना भी हमारा होगा केवल आपके नाम से उसे रखा जाएगा। उसके एवज में बैंक आपको किसान क्रेडिट कार्ड और अन्य मामलों में मदद करेगी। ग्राहकों से केवल सिग्नेचर कराकर एक वाउचर लिया गया। बैंक में तीस से ज्यादा ग्राहकों के नाम से नकली सोना रखकर दो करोड़ से ज्यादा की रकम निकाल ली गई। गोल्ड लोन खत्म नहीं हुआ और इनसे बहाने बनाएं जाने लगे तो ग्राहकों ने बैंक के जिम्मेदार अधिकारियों, कलेक्टर, एसपी और पुलिस को शिकायत की। ग्रामीणों की शिकायत के बाद बैंक का एक कर्मचारी और वैल्यूअर गायब हो गया।

तीस से अधिक पीड़ित आएं सामने

गोल्ड लोन धोखाधड़ी में अभी तक 30 से अधिक पीड़ित सामने आएं है। गोल्ड लोन के नाम पर जो ठगी का शिकार हुए हैं उनमें राहुल सिंह, अर्जुन सिंह, हुकुम सिंह, ईश्वर सिंह, विजेन्द्र सिंह, कुलदीप सिंह,बने सिंह, राजवर्धन सिंह, दीपसिंह, अमरसिंह, भगवान सिंह, हरी सिंह, माधुसिंह, शारदाबाई, हरी सिंह, नंदकिशोर, राजाराम, कमलसिंह, शेर सिंह, धर्मेन्द्र सिंह, गजेन्द्र सिंह, हाकमसिंह, लक्ष्मण सिंह, कुलदीप, कैलाश बाई,लाड़सिंह, तोलाराम आदि शामिल हैं।

बैंक वैल्यूअर की मिलीभगत से हुआ पूरा खेल

मीडिया ने जब पूरे मामले की पड़ताल शुरू की तो वैल्यूअर कांतिलाल सोनी का शपथ पत्र सामने आया जिसमें वे बैंक प्रबंधक नैनावद के पक्ष में 25 मई 2023 को नोटरी के समक्ष कर रहे हैं। इस शपथ पत्र में वैल्यूअर सोनी स्वीकार कर रहे हैं मैं शपथ कर्ता बैंक ऑफ इंडिया शाखा नैनावद में स्वर्ण आभूषणों के मूल्यांकन हेतु अधिकृत हूं। मेरे द्वारा दी गई रिपोर्ट के आधार पर बैंक द्वारा खाता धारकों को गोल्ड लोन प्रदान किया गया। मेरे द्वारा गोल्ड लोन में मूल्यांकन रिपोर्ट दी गई है, उनमें त्रुटि हुई है और भविष्य में बैंक को आर्थिक नुकसान होने की संभावना है,जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी मेरी रहेगी। मेरे द्वारा जिन ग्राहकों से गोल्ड लोन रखवाया है और मूल्यांकन किया है उनकी सम्पूर्ण राशि में जमा करवाऊंगा। इस शपथ पत्र से स्पष्ट है गोल्ड लोन के नाम पर धोखाधड़ी की गई। नकली सोने को असली बनाकर बैंक में गिरवी रखकर दो करोड़ से ज्यादा की रकम निकाल ली। बैंक प्रबंधक शपथ पत्र लेकर पूरे मामले को दबाने में लगे रहे। ग्राहकों ने मक्सी पुलिस को 2 जून को शिकायत की। इसके अलावा कलेक्टर, एसपी एवं बैंक के झोनल मैनेजर उज्जैन को 05 जून को लिखित शिकायत की। शिकायत के बाद भी इस मामले में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

पांच लाख से अधिक गोल्ड लोन पर दो वैल्यूअर

बैंकों में गोल्ड लोन का नियम है यदि कोई ग्राहक पांच लाख रुपए से ज्यादा का गोल्ड लोन ले रहा है तो सोने का सत्यापन दो वैल्यूअर से करवाना होता है, लेकिन बैंक ने इस मामले में बड़ी चूक की और एक वैल्यूअर से ही सत्यापन कर गोल्ड लोन दे दिया। इस मामले में ग्राहकों ने बताया बैंक कर्मचारी रवि सेन और वैल्यूअर कांतिलाल सोनी ने हमसे गोल्ड लोन के लिए बात की थी। इस पूरे मामले में बैंक प्रबंधन की भूमिका भी संदिग्ध है। इस पूरे मामले में शाखा प्रबंधक जीतेश व्यास ने कुछ भी बताने से इंकार किया और बताया प्रबंधन ने मुझे कोई भी जानकारी देने से मना किया ।

हार्ट पेशेंट बीएसएनएल के रिटायर्ड कर्मचारी नैनावद निवासी ईश्वर सिंह देवड़ा ठगी की कहानी सुनाते सुनाते रोने लगे। मैंने अपना 22 ग्राम सोना बैंक में रखने के लिए गया, मुझसे वैल्यूअर सोनी ने कहा रूपए की आवश्यकता है,मेरा सोना भी आपके नाम से रख दो। मैंने हां कर दी। वैल्यूअर ने इसके अलावा एक और खाता खोल लिया और दस लाख से ज्यादा का लोन मेरे नाम से नकली सोना रखकर ले लिया।

दूसरे ग्राहक निंबोदा निवासी धर्मेन्द्र राठौर ने बताया कैसे उनके भाइयों और भाभी के नाम 40 लाख से ज्यादा का लोन नकली सोना रखकर निकाला गया। सबसे ज्यादा इनके परिवार को ठगी का शिकार बनाया गया। वैल्यूअर से अच्छे संबंध थे, उनकी सोने चांदी की दुकान भी है, इसलिए उनकी बात पर भरोसा कर लिया और अपने खातों से गोल्ड लोन लेने के लिए तैयार हो गए। हमें क्या पता नकली सोना रखकर धोखाधड़ी की जाएगी।