विक्रम विश्वविद्यालय पीएचडी कांड में लोकायुक्त ने दर्ज किया प्रकरण

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय पीएचडी परीक्षा परिणाम में हुई धांधली के मामले में लोकायुक्त ने बुधवार को विवि के कुलसचिव, सहायक कुल सचिव सहित 5 के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 7 सी के साथ धारा 420,468,471,201 व 120 बी में प्रकरण दर्ज कर लिया।
6 मार्च 2022 को विक्रम विश्वविद्यालय में पीएचडी परीक्षा परिणाम घोषित किये गये थे। जिसकी ओएमआर शीट पर कांट-छांट कर अनुतीर्ण विद्यार्थियों को उत्तीर्ण दर्शाने का मामला सामने आने पर युवा कांग्रेस के पूर्व सचिव बबलू खींची ने मामले की शिकायत लोकायुक्त में दर्ज कराई थी। फर्जी पीएचडी कांड की जांच लोकायुक्त एसपी अनिल विश्वकर्मा ने निरीक्षक दीपक शेजवार को सौंपी। पिछले माह लोकायुक्त ने विक्रम विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलसचिव प्रशांत पुराणिक को तलब कर दस्तावेज मांगे थे। जांच में गड़बडी सामने आने के बाद लोकायुक्त ने बुधवार को कुलसचिव डॉ. प्रशांत पौराणिक, गोपनीय विभाग के सहायक कुलसचिव वीरेंद्र ऊचवारे, प्रोफेसर डॉ. पीके वर्मा, डॉ.गणपत अहिरवार, इंजीनियरिंग कॉलेज के फोफेसर डॉ. वायएस ठाकुर की भूमिका को संदिग्ध मानते हुए मामले में प्रकरण दर्ज कर लिया। मामले में शिकायतकर्ता बबलू खिंची का कहना था कि कुछ और लोग फर्जी पीएचडी कांड में शामिल है, जो बच गये है, उन्हें कोर्ट के माध्यम से आरोपी बनाया जाएगा।

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