शिप्रा में मिलते नालो के पानी से फिर मचा हड़कंप

– निगम कमिश्नर पहुंचे रामघाट, पंडे पुजारियों में आक्रोश
उज्जैन। शिप्रा नदी में मिलते गंदे नालों के पानी से एक बार फिर शनिवार सुबह हड़कंप मच गया। मामला संज्ञान में आते ही निगम कमिश्नर रामघाट पहुंच गए थे। रात में हुई बारिश के बाद शिप्रा के आसपास बने नालों के चेंबर उफन रहे थे। गंदा पानी रोकने की दोपहर तक कवायद की जाती रही।
मध्यप्रदेश की ओर बढ़ते मानसून के चलते प्री मानसून की एक्टिविटी बढ़ गई है। शुक्रवार को दिन भर रुक-रुक कर हल्की बारिश होती रही। बीती रात तेज बारिश से पूरा शहर तरबतर हो गया इस बीच दिन शनिवार सुबह पुण्य सलिला शिप्रा में तेज रफ्तार से नालों का गंदा पानी मिलता दिखाई दिया। आस्था का नहान करने पहुंचे श्रद्धालु गंदा पानी और रामघाट पर फैली दुर्गंध के चलते आस्था की डुबकी नहीं लगा सके। घाट पर पूजा पाठ कराने वाले पंडे पुजारियों ने शिप्रा में गंदा पानी मिलता देखा तो आक्रोशित हो गए। मामले की जानकारी लगते ही निगम कमिश्नर रोशन कुमार सिंह और अधिकारी रामघाट पहुंच गए थे। शिप्रा के आसपास बने नालों के चेंबर उफन रहे थे। निगम के अमले ने तत्काल गंदा पानी शिप्रा में रोकने की कवायद शुरू की और दोपहर तक गंदा पानी मोक्षदायिनी में मिलने से रोकने के प्रयास जारी रहे। रामघाट पर मौजूद पुजारियों का कहना था कि देशभर से श्रद्धालु आस्था का नहान करने और पुण्य कमाने के लिए शिप्रा नदी पर आते हैं लेकिन लापरवाही के चलते श्रद्धालुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ हो रहा है। अभी तो बारिश की शुरुआत हुई है पूरा मानसून सत्र पड़ा हुआ है। शिप्रा नदी में गंदे नालों का पानी मिलने से रोकने का प्रयास प्रशासन द्वारा वर्षों से किया जा रहा है और काफी खर्च भी कर चुके हैं बावजूद गंदा पानी शिप्रा में मिलने से नहीं रुक पा रहा है। मामले को लेकर महापौर मुकेश टटवाल का कहना था कि निगम अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। विदित हो कि 15 दिन पहले भी शिप्रा नदी में हजारों गैलन गंदी नाली का पानी शिप्रा में मिला था। हरसिद्धि पाल के समीप टाटा कंपनी द्वारा बनाया जा रहे चेंबर का पाइप स्लिप होने से शिप्रा का रामघाट पूरी तरह से गंदे पानी से भर गया था।
रात भर में 32 मिलीमीटर हुई बारिश
मध्यप्रदेश की ओर बढ़ते मानसून से पहले प्री मानसून की एक्टिविटी बढ़ती दिखाई दे रही है। शुक्रवार सुबह से आसमान में बादल छाए हुए थे और हल्की बूंदाबांदी का दौर बना हुआ था। लेकिन रात 12 बजे से शनिवार सुबह तक बारिश होती रही। जीवाजीराव वेधशाला के अनुसार रात भर में 32 मिलीमीटर बारिश दर्ज होना सामने आया है जो 1 दिन से अधिक है। आसमान में छाए बादल और बारिश के चलते दिन और रात के तापमान में कमी आई है। शुक्रवार को अधिकतम तापमान में 7 डिग्री की गिरावट दर्ज हुई थी वही शुक्रवार शनिवार न्यूनतम तापमान भी 4 डिग्री कम हुआ है। जिसके चलते गर्मी और उमस से राहत मिली है। मानसून की दस्तक 3 से 4 दिनों में हो सकती है।
कई क्षेत्रों में बनी जल जमाव की स्थिति
रात में हुई बारिश के बाद शनिवार सुबह कई क्षेत्रों में जलजमाव की स्थिति दिखाई दे रही थी। केडी गेट से इमली तिराहा तक मार्ग चौड़ीकरण के चलते तोड़े जा रहे मकानों की वजह से क्षेत्र में फैला मलवा कीचड़ में तब्दील हो गया था। जगह-जगह पानी भरा दिखाई दे रहा था। ऐसी ही स्थिति महाकाल विस्तारीकरण योजना में चल रहे कामों के दौरान भी दिखाई दी। महाकाल मंदिर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को जगह-जगह पानी भरा होने के चलते परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शहर में चल रहे टाटा के कामों की वजह से भी कई क्षेत्रों में जलजमाव की स्थिति बन गई थी।