मौत के गड्‌ढे में खत्म हो गया वंश, कंपनी के दो अफसरों पर गैरइरादतन हत्या का केस

 

इंदौर। आजाद नगर के वार्ड 54 में स्थित इदरीश नगर में लापरवाही के चलते मौत के गड्‌ढे में साढ़े 4 साल के वंश को डुबोने के मामले में पुलिस ने एलएंडटी कंपनी के 2 अफसरों को जिम्मेदार माना है। कंपनी के प्रभारी व इंचार्ज पर गैरइरादतन हत्या का केस दर्ज किया है। दोनों के खिलाफ शनिवार रात 11 बजे आजाद नगर पुलिस ने मासूम वंश के पिता विजय की रिपोर्ट पर केस दर्ज किया है। जल्द इनकी गिरफ्तारी होगी।
टीआई इंद्रेश त्रिपाठी ने बताया मासूम वंश की मौत के बाद एलएंडटी कंपनी के मुख्य प्रभारी बैट्रीवेन टी और क्षेत्र के इंचार्ज निलेश सुमन पर गैरइरादतन हत्या (धारा 304 ए) के तहत केस दर्ज किया है। कंपनी द्वारा खुदाई कार्य के दौरान गड्‌ढे के आसपास न तो ठीक से बैरिकेडिंग की गई थी न ही सुरक्षा के इंतजाम रखते हुए उसे ढंका था। इसी लापरवाही से वंश की गड्‌ढे में गिरने से जान गई।

मां बदहवास, पिता अंतिम संस्कार के बाद थाने पहुंचे

हंसते-खेलते मासूम वंश की मौत से पूरा परिवार बदहवास है। बेटे की याद में मां की आंखें पथरा गई हैं। बार-बार बेटे की तस्वीर देखकर फफक पड़ती है। पिता ने शनिवार को पहले बेटे का अंतिम संस्कार किया और रात 11 बजे तक परिजन के साथ आरोपी कंपनी के संचालकों पर एफआईआर दर्ज करवाने के लिए थाने में मौजूद रहे।

खानापूर्ति में जुटा निगम अमला, निगमायुक्त सहित पूरा अमला फील्ड पर

गड्‌ढे में डूबकर मासूम की मौत के बाद निगम खानापूर्ति में जुट गया। रविवार सुबह 6 बजे से ही निगम का अमला मैदान में था। निगमायुक्त हर्षिका सिंह सुबह अपर आयुक्तों, अधीक्षण यंत्रियों सहित अन्य अधिकारियों के साथ निरीक्षण के लिए निकलीं। एलएंडटी कंपनी के इंजीनियरों को भी बुलवाया।
नर्मदा जल प्रदाय शाखा के अधिकारी भी थे। खुदाई के दौरान बैरिकेडिंग नहीं करने पर कंपनी को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए। जोनल अधिकारियों को निर्माण स्थलों का निरीक्षण करने व बैरिकेडिंग व्यवस्था देखने के लिए दौड़ाया गया। स्कीम 78, सदर बाजार रोड, बड़वाली चौकी चौराहा, तेलीबाखल, मच्छी बाजार, चंद्रभागा पुल, भंवरकुआं चौराहा आदि स्थलों का निरीक्षण किया गया।
स्कीम 78 की गलियों में कंपनी ने लाइन बिछाई लेकिन रेस्टोरेशन नहीं किया। इस पर निगमायुक्त ने अपर आयुक्त अभिषेक गहलोत को कंपनी को नोटिस जारी करने व पैनल्टी लगाने के लिए कहा। कंपनी के मुख्यालय से वरिष्ठ अधिकारियों को बुलाकर तीन दिन में मीटिंग कराने के निर्देश भी दिए गए।

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अरण्य में सीवरेज लाइन का काम 10 दिन में पूरा करने के लिए कहा गया। इस दौरान अनिवार्य रूप से बैरिकेडिंग करने के भी निर्देश दिए गए।
सदर बाजार रोड के काम को 10 दिन में मूवेबल बनाने के लिए अपर आयुक्त अभय राजनगांवकर, अधीक्षण यंत्री महेश शर्मा को निर्देश दिए गए।
स्मृति टॉकीज के पास बड़वाली चौकी चौराहे पर चल रहे नाले के काम को जल्द पूरा करने के लिए कहा गया।
स्मार्ट सिटी एरिया के तेली बाखल में पानी की पाइपलाइन का काम देखा। मच्छी बाजार स्थित रिवर साइड के किनारे का काम शुरू करने के लिए कहा।
चंद्रभागा नाले का निरीक्षण किया। यहां भी बैरिकेडिंग नहीं मिली।
निगमायुक्त ने तीन टीमें बनाने के लिए कहा। पाइप लाइन की अलग टीम, खुदाई की अलग टीम और रेस्टोरेशन के काम की टीम अलग होगी। उन्होंने कहा एक ही टीम सभी जगह काम कर रही, इसलिए देरी हो रही। हिदायत दी कि जहां भी काम हो रहे हैं, वहां बैरिकेडिंग की जाए।

नगर निगम अफसरों की जवाबदेही क्यों नहीं? इन पर भी हो एफआईआर

रविवार को मप्र कांग्रेसी कमेटी का प्रतिनिधिमंडल पुलिस अधिकारियों से मिला और निगम अफसरों को आरोपी बनाने की मांग की। पुलिस आयुक्त के नाम दिए ज्ञापन में जलप्रदाय विभाग के कार्यपालन यंत्री संजीव श्रीवास्तव, जोन 11 के सहायक यंत्री योगेश जोशी व उपयंत्री गौरव आर्य को भी चेन्नई की कंपनी एलएंडटी के साथ आरोपी बनाने की मांग की।
कांग्रेस के पूर्व पार्षद दिलीप कौशल ने कहा कि चेन्नई की इस कंपनी को 250 करोड़ के बिलों का भुगतान तो निगम अधिकारियों ने ही किया है। फिर इनकी जिम्मेदारी क्यों नहीं है? उधर, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव राजेश चौकसे व संभागीय प्रवक्ता अमित चौरसिया ने कहा विकास के नाम भ्रष्टाचार चरम पर है। कुछ समय पूर्व भी एक ऐसी ही लापरवाही के चलते छोटी ग्वाल टोली में एक मजदूर की मौत हो गई थी, लेकिन किसी पर कार्रवाई नहीं हुई।