इंदौर से भोपाल तक वंदे भारत में सफर का किराया 810 और 1510 रुपये

इंदौर। इंदौर से भोपाल के बीच चलने वाली वंदे भारत ट्रेन की आनलाइन और काउंटर आरक्षण बुकिंग शुरू हो गई है। इंदौर से भोपाल के बीच का एसी चेयरकार क्लास (सीसी) में यात्री किराया 810 रुपये है। एग्जीक्यूटिव क्लास (ईसी) का किराया 1510 रुपये है। ट्रेन तीन घंटे 10 मिनट में इंदौर से भोपाल पहुंचेगी।
वंदे भारत ट्रेन 28 जून से ट्रेन रविवार को छोड़कर सप्ताह में छह दिन चलेगी। आठ कोच की इस ट्रेन में वातानुकूलित चेयरकार श्रेणी और एग्जिक्यूटिव श्रेणी का के कोच है। ट्रेन इंदौर से सुबह 6.30 बजे चलेगी, जो 9.35 को भोपाल पहुंचेगी। उज्जैन में पांच मिनट का ठहराव रहेगा। भोपाल से शाम 7.25 बजे चलकर रात 10.30 बजे इंदौर पहुंचेगी।

180 डिग्री घूम सकेगी चेयर

ट्रेन में यात्री एग्जिक्यूटिव श्रेणी का कोच में आरामदायक सफर के आनंद उठा सकेंगे। एग्जीक्यूटिव क्लास में रिवॉल्विंग चेयर दी गई है, जो 180 डिग्री तक घूम सकती है। ट्रेन में खाने की सुविधा भी रहेगी। पारदर्शी ग्लास के कारण बाहर का नजारा पूरा दिखाई देगा।

दुल्हन की तरह सजा इंदौर रेलवे स्टेशन

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व्दारा मंगलवार को रानी कमलापति रेलवे स्टेशन, भोपाल (आरकेएमपी) से दो वंदे भारत एक्सप्रेस को एक ही समय में (करीब 11 बजे) हरी झंडी दिखाकर रवाना करने के बाद प्लेटफार्म नंबर एक से इंदौर और दो से जबलपुर के लिए ट्रेन रवाना हो गई।
इसके पूर्व इंदौर में पहली वंदे भारत एक्सप्रेस की अगवानी के लिए रेलवे स्टेशन पर भव्य साज-सज्जा की गई।
इंदौर में पहली वंदे भारत एक्सप्रेस के लिए रेलवे ने उक्त कार्यक्रम के लिए स्टेशन पर भव्य साज-सज्जा की। इसे फूलों से सजाया गया है। प्लेटफार्म पर लाल कारपेट बिछाया गया।
सभी प्लेटफार्म पर बड़े आकार की एलईडी स्क्रीन लगाई गई, जिन पर वंदे भारत एक्सप्रेस की खूबियों को दिखाया गया। स्टेशन के दोनों प्रवेश द्वारों पर आमंत्रितों के लिए टेंट लगाए गए।

प्रत्येक 20 मिनट में बसों की सुविधा

इंदौर से भोपाल के लिए प्रत्येक 20 मिनट में 24 घंटे बस की सुविधा उपलब्ध है। चार्टर्ड की 32 एसी बसें नियमित संचालित होती हैं। इससे यात्रा करने पर 435 रुपये किराया चुकाना होता है। ये बसें भी वंदे भारत की तरह ही 3 घंटे 20 मिनट में इंदौर से भोपाल पहुंचा देती है। वहीं भोपाल में एक से ज्यादा स्थानों पर पिक एंड ड्राप की सुविधा भी दी जा रही है। इससे यात्रियों को फायदा हो रहा है। इलेक्ट्रानिक बसों भी संचालित हो रही है।