इंदौर के भाजपा नेता का बेटा ड्रग तस्कर फिरोज लाला का साथी
इंदौर। क्राइम ब्रांच ने 70 करोड़ से ज्यादा की ड्रग्स तस्करी मामले में पकड़ाए आरोपियों की निशानदेही पर भाजपा नेता के बेटे बिलाल को आरोपी बनाया। गिरफ्तार बिलाल जिस चर्चित ड्रग्स माफिया फिरोज लाला से जुड़ा है, उसकी भी इंदौर पुलिस को दो साल से तलाश है।
दस हजार का ईनामी होने के बाद भी क्राइम ब्रांच और विजयनगर पुलिस आरोपी फिरोज लाला को नहीं पकड़ पाई है। एक साल पहले उसने एक थाना प्रभारी पर हमला कर दिया था। इसके बाद पुलिस फोर्स ने मिलकर उसे दबोचा था। करीब छह माह तक (दिसंबर 2022 तक) फिरोज लाला अपने साथियों के साथ जेल में भी रहा और जमानत पर छूट गया।
विजयनगर थाने से फरार चर्चित फिरोज लाला पर 10 हजार का इनाम है। ड्रग्स माफिया आंटी और क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़े 70 किलो एमडी ड्रग्स के आरोपियों के पकड़ाने के बाद फिरोज लाला का नाम सामने आया। तत्कालीन टीआई तहजीब काजी के परिवार को धमकाने वाले लाला ने निकुम थाना के टीआई पर 2022 जून में हमला कर दिया। इस दौरान उस पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया। इसके बाद राजस्थान पुलिस ने उसकी तलाश तेज कर दी और उसे पकड़ लिया। लेकिन इंदौर पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी। फिलहाल फिरोज लाला जमानत पर जेल से बाहर है।
फिरोज लाला ने सदलखेड़ा में नई हवेली बना ली। आसपास का करीब 20 बीघा से ज्यादा जंगल की जमीन को साथियों के नाम से खरीद लिया। बताया जाता है कि हर दिन लाला अपनी गैंग के साथ इस जंगल में शिकार पर निकलता है।
संदीप तेल के शूटर पर फिल्मी स्टाइल में किए थे 200 फायर
इंदौर के चर्चित संदीप तेल हत्याकांड के शूटर देवीलाल और फिरोज लाला आज भले ही कट्टर दुश्मन हों पर एक समय में वे दोनों साथ मिलकर बड़े पैमाने पर डोड़ा चूरा की तस्करी करते थे। दोनों की दुश्मनी की वजह भी डोड़ा चूरा की तस्करी ही बनी। दरअसल डोड़ा चूरा भरकर ले जा रही एक गाड़ी पुलिस ने पकड़ ली। यह गाड़ी फिरोज लाला की थी। उसे सूचना मिली कि देवीलाल ने इस मामले में मुखबिरी की है। इस वजह से फिरोज लाला उसे दुश्मन मानने लगा।
पिछले साल देवीलाल अपनी श्रीराम होटल पर बैठा था। तभी फिरोज लाला अपने गुर्गों और शूटर अन्नू कालिया, इशहाक मेंढक और वसीम के साथ यहां पहुंचा था। उसने वहां पहुंचते ही फिल्मी स्टाइल में 200 से ज्यादा फायर किये। इस हमले में देवीलाल खेत के रास्ते जान बचाकर भाग गया था। इस केस में पुलिस ने आपसी झगड़े की कार्रवाई की थी। फिरोज पुलिस की गिरफ़त में आने के एक सप्ताह बाद ही जमानत पर छूट गया। इस के बाद से ही देवीलाल और फिरोज के बीच गैंगवार शुरू हो गई।