ग्वालियर हाईकोर्ट ने कहा – इंटरनेट युग में जल्द जवान हो रहे बच्चे
सरकार को दिया सुझाव- आकर्षित होकर संबंध बनाते हैं, सहमति से संबंध बनाने की उम्र 16 वर्ष हो
ग्वालियर । मप्र की ग्वालियर हाईकोर्ट बैंच ने केंद्र सरकार से सहमति से संबंध बनाने की आयु सीमा को 18 से घटाकर फिर 16 वर्ष करने का अनुरोध किया है। ग्वालियर बेंच के जस्टिस दीपक अग्रवाल ने कोचिंग संचालक की एफआईआर निरस्त करने की याचिका को स्वीकार करते हुए कहा- आईपीसी में 2013 में हुए संशोधन के चलते सहमति से संबंध बनाने की आयु को 16 से बढ़ाकर 18 कर दिया गया। इसके चलते समाज का ताना-बाना प्रभावित हुआ है।
जस्टिस अग्रवाल ने अपने आदेश में कहा- सोशल मीडिया और इंटरनेट सुविधा के चलते आजकल 14 साल की आयु में ही बच्चे जवान हो रहे हैं। एक-दूसरे के प्रति आकर्षित होकर सहमति से संबंध बनाते हैं। ऐसे मामलों में युवा कतई आरोपी नहीं हैं। ये केवल उस आयु का मामला है, जिसमें वे युवती के संपर्क में आए और शारीरिक संबंध स्थापित किए। कानून बनाने वालों ने इन सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए आयु 16 साल तय की थी।
आजकल अधिकांश क्रिमिनल केसों में पीड़िता की आयु 18 साल से कम होती है और इसी विसंगति के कारण किशोर युवकों के साथ अन्याय हो रहा है। ऐसे में केंद्र सरकार से अनुरोध है कि पीड़िता की आयु को 18 से घटाकर 16 कर दिया जाए। ताकि, अन्याय का निवारण किया जा सके। बता दें कि छात्रा के साथ दुष्कर्म के आरोप में राहुल को 17 जुलाई 2020 को गिरफ्तार किया गया था। तब से वह जेल में है।