खता राज्य शिक्षा केंद्र की, और सजा भुगत रहे पांचवी – आठवीं के बच्चे

पूरक परीक्षाओं का मूल्यांकन शुरू, 20 जुलाई बाद परिणाम

इंदौर। पांचवीं-आठवीं बोर्ड परीक्षा में फेल विद्यार्थियों की राज्य शिक्षा केंद्र ने पूरक परीक्षा करवाई। जल्द परिणाम देने को लेकर केंद्र ने प्रत्येक जिले में उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करने के निर्देश दिए है। इन दिनों इंदौर जिले में शिक्षक विद्यार्थियों की कापियां जांच रहे हैं। इस काम में पांचवीं-आठवीं कक्षा पढ़ाने वाले 300 से अधिक शिक्षक लगे हैं। केंद्र ने पंद्रह दिनों के भीतर विद्यार्थियों के मार्क्स पोर्टल पर अपलोड करने पर जोर दिया है। उधर अधिकारियों का कहना है कि 20 जुलाई बाद दोनों परीक्षा परिणाम एक साथ घोषित किए जाएंगे।
प्रदेश सरकार के निर्देश पर 13 साल बाद राज्य शिक्षा केंद्र ने हड़बड़ी में पांचवीं-आठवीं बोर्ड परीक्षा करवा दी। पहले विद्यार्थियों को केंद्र आवंटन करने में गड़बड़ी सामने आई है, जिसमें छोटे-छोटे बच्चों को दस से पंद्रह किमी दूर वाले केंद्र दिए। उसके बाद कपियां जांचने में लापरवाही बरती गई। हिंदी-गणित विषय पढ़ाने वाले शिक्षकों से अंग्रेजी माध्यम के विद्यार्थियों की उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन हुआ।
नतीजा यह रहा है कि निजी स्कूल के अधिकांश छात्र-छात्राएं फेल हो गए। यहां तक कि कई विद्यार्थियों को अलग-अलग विषय में शून्य आए। ये गड़बड़ी अधिकांश जिलों में देखने को मिली। स्थिति यह थी कि कई जिलों में 100-100 निजी स्कूलों का परिणाम शून्य घोषित किया गया। गड़बड़ी होने के बावजूद जिम्मेदार अधिकारी गलती मनाने को तैयार नहीं थे। इसके चलते रिजल्ट जारी होने के बावजूद केंद्र की तरफ से मेरिट विद्यार्थियों की सूची जारी नहीं हुई।
हजारों की संख्या में विद्यार्थियों ने पुर्न:मूल्यांकन के लिए आवेदन दिया। उसके बाद पल्ला-झांड़ते हुए अधिकारी कहते थे कि स्कूलों में पढ़ाई नहीं हो रही है। सिर्फ फीस वसूलते है। जून में केंद्र ने प्रत्येक जिले में पूरक परीक्षा करवाई, जिसमें 50-70 हजार के बीच विद्यार्थियों ने परीक्षा दी है। जिलों में इन विद्यार्थियों की कापियां जांचने का काम शुरू हुआ है।