झमाझम बारिश की आस में अन्नदाता चला रहे डोरे

रुनीजा । क्षेत्र में इस बार शुरूआती बारिश अच्छी होने से सोयाबीन की बोनी बहुत ही अच्छी रही । चारो ओर सोयाबीन उग चुकी है।किसी को भी दोबारा बोनी करने की आवश्यकता नही पड़ी आज सोयाबीन 10 , 15 दिन के होने के पश्चात किसानों ने डोरे चलाना प्रारंभ कर दिया है। क्षेत्र के प्रगतिशील किसान संजय नागर उर्फ कालू उस्ताद ने बताया कि धूप अच्छी होने से डोरे चला रहे हैं ।जिससे खरपतवार पूरी तरह नष्ट हो जाएगी। तथा फसल को किसी प्रकार की हानि नहीं होगी अभी तो नमी अच्छी है।डोरा चलाना लाभदायक हो रहा है।
बोवनी के बाद झमाझम बारिश नहीं होने से मौसम में गर्माहट बढ़ गई है। इससे खेतों में नमी भी कम हो रही है। फसलों को बचाने व खेतों में नमी बनी रहे इसके लिए किसान डोरे चला रहे है। रुनीजा सहित पूरे क्षेत्र में अभी भी पर्याप्त पानी की जरूरत है। पिछले दिनों हुई पहले दौर बारिश के बाद किसान खेतों में बोवनी कर चुके हैं। उनकी सोयाबीन अच्छी हो गई है। लेकिन बाद के दौर में जिन किसान भाइयों ने बोनी की है। उन्हें पानी की जरूरत है ।
कृषि विस्तार। अधिकारी जितेंद्र कुमार सोलंकी से बारिश व फसल को लेकर चर्चा की गई तो सोलंकी ने बताया कि अब तक 108 मिमी बारिश दर्ज की गई है यानी 4 इंच बारिश अब तक हो चुकी है। तथा पहली बोई गई सोयाबीन के लिए अभी डोरे चलाने का अनुकूल समय है। इससे खरपतवार नष्ट हो जावेगी तथा खरपतवार नाशक का छिड़काव कम करना पड़ेगा। बाद में बोई सोयाबीन अभी छोटी है उसे पानी की आवश्यकता है। डोराई करने से लाभ ही है ।
इस बार दो सावन होने से तथा मानसून देर से आने के बाद भी पूरी तरह पूरे मालवा क्षेत्र में मेहरबान नहीं हुआ है। कई जगह किसान बारिश की आस में आसमान की ओर टकटकी लगाए ताक रहे है, लेकिन रोज आसमान पर छाए काले बादल आस जगाकर दगा दे रहे। कहीं हल्की फुहार आती ओर चली जाती है। बारिश नहीं होने से तापमान और उमस में भी बढ़ोतरी हो गई है।
वही बोवनी के बाद अब खेतों में सोयाबीन की फसल के पौधे नजर भी आने लगे हैं। ओर धीरे धीरे चारो ओर हरियाली छाने लगी है खेतों में नमी बनी रहे और खेतों में खरपतवारों को साफ करने के लिए किसान हाथ डोरा व ट्रेक्टर के साथ डोरे चला रहे हैं। इसमें जमीन की नमी को बरकरार रखकर बिना बारिश की स्थिति में कुछ समय तक फसलों को जीवित रखा जा सकता है।