महाकाल की पहली सवारी में ही पालकी के आस-पास जमकर हुई धक्का-मुक्की

– पुलिस के साथ निजी सेवा करने वाले कार्यकर्ताओं ने बिगाड़ी व्यवस्था

– लोगों ने शिकायत में बताया प्रशासन समीक्षा कर दूसरी सवारी में सुधार करें

दैनिक अवंतिका उज्जैन।

श्रावण मास में सोमवार को निकली महाकाल की पहली सवारी में ही बहुत अधिक भीड़ उमड़ने से प्रशासन भी ठीक ढ़ंग से व्यवस्था नहीं संभाल पाया। पूरे सवारी मार्ग में लोगों को पालकी में विराजे भगवान महाकाल के ठीक से दर्शन तक नहीं हो पाए। पालकी के आस-पास सबसे अधिक धक्का-मुक्की हो रही थी।

पालकी के साथ चलने वाले रस्से में निजी सेवादार के रूप में चल रहे कार्यकर्ताओं ने सबसे अधिक अव्यवस्था की। क्योंकि उन्हें न ड्यूटी का अनुभव है और न आम श्रद्धालुओं से व्यवहार का तरीका पता है। वे तो सिर्फ गले में कार्ड लटकाए मौके का फायदा उठाकर सवारी में केवल

आम जनता को धकेलते हुए चल रहे थे। आम लोगों ने सवारी के दौरान कवरेज कर रहे मीडिया कर्मियों से शिकायत में कहा कि कलेक्टर व जिला एवं पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को बताए कि वे पहली सवारी में हुई अव्यवस्था की एक बार समीक्षा करें और दूसरी सवारी से सुधार किया जाए। निजी सेवा देने वाले लोगों को पालकी के आसपास बिल्कुल भी तैनात नहीं किया जाए। हर वर्ष की तरह यहां पर उन्हीं पुलिस जवानों को तैनात रखे जो अच्छे से ड्यूटी करना व जनता से व्यवहार करना जानते हैं।

सवारी में निकला लाल बड़ा ध्वज, रामघाट पर हुई पूजा

सवारी में आगे पुलिस का घुड़सवार दल, धुन बजाते हुए बैंड, झांझ-मंजिरे व डमरू वादन करती भजन मंडलियां चल रही थी। बीच में गोल रस्से के घेरे में बाबा महाकाल की पालकी शामिल थी। प्रमुख रूप से सवारी में एक लाल बड़ा ध्वज भी महाकाल मंदिर प्रबंध समिति ने निकाला।

महाकाल से सवारी गुदरी चौराहा, कहारवाड़ी होकर शिप्रा तट रामघाट पहुंची जहां शिप्रा के जल से बाबा का अभिषेक पुजारी आशीष गुरु ने किया। सवारी मार्ग में लाखों श्रद्धालुओं ने भगवान महाकाल को पुष्प अर्पित कर स्वागत किया।

मुख्यमंत्री की पत्नी साधना सिंह ने किए महाकाल दर्शन 

मप्र के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की पत्नी साधना सिंह श्रावण मास के पहले सोमवार को उज्जैन आई व महाकाल दर्शन किए। वह दोपहर में सवारी निकलने से पहले मंदिर पहुंची। गर्भगृह में जाकर दर्शन-पूजन किया। इसके बाद वे मंदिर से रवाना हो गई। पुजारी प्रदीप गुरु ने उनका पूजन संपन्न कराया।

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