बोगस फर्म के नाम से हो रही शराब तस्करी, वाणिज्यिककर विभाग ने पकड़ा मामला
इंदौर। वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा कर अपवंचन रोकने हेतु करायी जा रही वाहनों की जांच के दौरान शराब तस्करी का मामला पकड़ा गया है। इसी दौरान खुलासा हुआ है कि बोगस फर्मों के नाम से शराब तस्करी की जा रही है। दो दिन पहले विभाग की टीमें गाड़ियों के बिलों की जांच के लिए घाटा बिल्लौद पर निरीक्षण कर रही थी। इसी दौरान मामला पकड़ा गया। शनिवार को घाटा बिल्लौद पर विभाग की टीमों ने दो ट्रकों को बिलों की जांच के लिए रोका। ट्रक क्रमांक एमएच 15 एचएच 4210 में सीमेंट के पाइप भरे हुए थे। विभाग की टीमों ने इस गाड़ी के साथ बिलों को जांचा। ड्राइवर ने श्रेयांस ओवरसीज ट्रेडिंग कंपनी इंदौर के नाम से बिल व ई-वे बिल पेश किए। जांच अधिकारियों ने बिल पर लगी फर्म का जीएसटी पंजीयन नंबर जांचा तो पता चला कि इस रजिस्ट्रेशन को पहले ही निरस्त किया जा चुका है।
दरअसल यह फर्म ही बोगस है जिसे कर चोरी और बोगस बिल जारी कर फर्जी आइटीसी हासिल करने के लिए बनाया गया था। इसके बाद विभाग ने गाड़ी को जब्त कर दिया। बाद में विभाग के कब्जे में लिए गए वाहन की जांच की गई तो उससे शराब तस्करी का खुलासा हुआ। जांच के दौरान विभाग के अधिकारियों को ट्रक में भरे सीमेंट पाइपों के नीचे छिपाकर रखी अवैध शराब मिली। शराब की कुल 314 पेटियां विभाग ने जब्त कर ली है।
शराब का मूल्य करीब 40 लाख रुपये बताया जा रहा है। इसके साथ एक अन्य ट्रक जो गुजरात के नंबर का है उसे भी विभाग ने पकड़ा है। इस ट्रक में भी श्रेयांस ट्रेडिंग कंपनी के नाम के ई-वे बिल मिले हैं। कर चोरी और बोगस बिल जारी करने के मामले में अब असल कर्ताधतार्ओं की तलाश में विभाग जुट गया है। इस बीच अवैध शराब पर कार्रवाई के लिए विभाग ने आबकारी विभाग को भी सूचित किया है। मामले में एफआइआर भी करवाई जा रही है।