भारत के अंदर के आलोचकों और बाहर के आलोचकों को दोहरा झटका : अमित जायसवाल
गुजरात। ताइवान की कंपनी फॉक्सकॉन और भारत की कंपनी वेदांता दोनों मिलकर गुजरात के अंदर चीप और सेमीकंडक्टर की फैक्ट्री बनाने जा रहे थे जिसकी लागत करीबन 20 अरब डॉलर, भारतीय मुद्रा में 1,61,000 करोड रुपए थी।परंतु 2 दिन पहले ही फॉक्सन ने ऐलान कर दिया था कि वह इस डील को खत्म करने जा रहे हैं, दरअसल फॉक्सकॉन ने बताया है कि वह अब वेदांता के साथ मिलकर फैक्ट्री नहीं लगा रहे हैं बल्कि खुद से ही भारत में, पहले एक फैक्ट्री लगाने वाले थे अब वह भारत के अलग-अलग राज्यों में 4 से लेकर 5 फैक्ट्रियां लगाने जा रहे हैं।
यह सुनते ही चीनी सरकार की मीडिया, ग्लोबल टाइम्स और भारत के अंदर,के आलोचकों को तगड़ा झटका लग गया है।
भारत के आलोचकों के लिए दूसरी बुरी खबर यह है कि टाटा एक ऐतिहासिक डील करने जा रही है और इस डील के बाद टाटा भारत की पहली ऐसी कंपनी बन जाएगी जो एप्पल कंपनी के आईफोन का निर्माण भारत में करेगी। यह पहली बार नहीं है कि भारत में आईफोन बनेंगे, भारत के अलग-अलग राज्यों में तीन बड़ी कंपनियों के प्लांट है जैसे कि पीगाट्रोन,फॉक्सकॉन, विस्ट्रोन लेकिन यह तीनों ही कमियां ताइवान की है,जो की एक विदेशी कंपनी हे। भारत के अंदर भारतीय कंपनी टाटा अब खुद आईफोन बनाएगी दुनिया भर में एक्सपोर्ट करेगी और इसी काम के लिए टाटा ने बड़ी मोबाइल कंपनी विस्ट्रॉन के साथ डील की हे ,जो की 4000 करोड़ रुपए की डील होगी। जिसके बदले टाटा भारत के अंदर आईफोन मैन्युफैक्चरिंग कर सकेगी। ऐसा होते ही टाटा भारत की पहली आईफोन निर्माता कंपनी बन जाएगी, यह भारतीय अर्थव्यवस्था और भारत के इंडस्ट्रियल सेक्टर के लिए बहुत बड़ी और अच्छी खबर है। वहीं चीन के लिए यह खबर बड़े डिजास्टर जैसी है,क्योंकि अभी तो सिर्फ यह हो रहा है कि जो कंपनियां चीन में है वह उठकर भारत आ रही थी लेकिन अब भारतीय कंपनियां भी एडवांस लेवल के इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग करना शुरू कर चुकी है जो चीन में पहले हुआ करते थे।