उज्जैन में बाढ़, शिप्रा में नहान पर रोक, मंदिर पानी में डूब गए
– भारी वर्षा का असर, प्रशासन ने घाटों के पास तैराक लगाए
दैनिक अवंतिका उज्जैन।
इंदौर सहित आसपास के शहरों में हो रही भारी वर्षा का असर उज्जैन में हो रहा है। यहां शिप्रा नदी में बाढ़ आ गई है। रामघाट पर मंदिर आधे से ज्यादा पानी में डूबे है। बाढ़ के खतरे को देखते हुए यहां शिप्रा नदी में श्रद्धालुओं के नहान पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
घाट क्षेत्र में आवागमन के लिए भी बेरिकेट्स लगाकर रास्ते बंद कर दिए गए है। नदी क्षेत्र में प्रशासन ने तैराकों की भी तैनाती कर रखी है। मंगलवार दोपहर बाद उज्जैन में तेज बारिश शुरू हुई थी। इसी रोज से इंदौर व आसपास के शहरों में भी बारिश होने की सूचना है। इसके चलते शिप्रा में बाढ़ है। बारिश के चलते नदी में बाढ़ आई है और अभी आगे भी जल स्तर कम होने की उम्मीद नहीं दिख रही है।
पहले रामघाट की छोटी रपट डूबी
अब छोटे पुल से ऊपर है पानी
नदी का जलस्तर सामान्य से अधिक हो गया है। रामघाट पर बनी छोटी रपट तो पहले दिन ही पानी में डूब गई थी। इसके बाद नदी का पानी बढ़ने लगा तो छोटा पुल भी डूब गया। उज्जैन व इंदौर जिले के कई इलाकों में 15 घंटे से तेज और कभी रुक-रुक कर बारिश होने के समाचार मिल रहे हैं। शहर के कई निचले इलाकों में भी जलजमाव देखने को मिल रहा है। उज्जैन की शिप्रा अभी उफान पर है। सुरक्षा के लिए होमगार्ड के सैनिक सहित मां शिप्रा तैराक दल के सदस्यों को लगाया गया है। फिलहाल छोटी रपट के ऊपर से शिप्रा नदी का पानी बह रहा है। मौसम विभाग की मानें तो अभी और तेज बारिश होने की संभावना बनी हुई है।
अभी शिप्रा का बड़ा पुल चालू
बाढ़ का पानी बढ़ा तो बंद होगा
अभी शिप्रा नदी का बड़ा पुल चालू है। क्योंकि इससे पानी अभी काफी नीचे है। इसलिए यातायात विभाग ने केवल बेरिकेट्स लगाकर सुरक्षा के इंतजाम किए है। लेकिन वाहनों की आवाजाही फिलहाल चालू है। लेकिन यदि बाढ़ का पानी लगातार बढ़ता है और खतरे के निशान से पानी ऊपर जाता है तो फिर बड़े पुल से भी वाहनों का आवागमन बंद किया जा सकता है।
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