मिशन चंद्रयान-3: सफलता के लिए उज्जैन में अभिषेक-अनुष्ठान
– सांदीपनि आश्रम श्री कुंडेश्वर महादेव मंदिर में रखा गया यान का मॉडल
उज्जैन। मिशन चंद्रयान-3 की शुक्रवार दोपहर 2:30 बजे लॉन्चिंग से पहले सफल लैंडिंग के लिए 12 ज्योतिर्लिंगों में विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल की नगरी में भगवान श्री कृष्ण की शिक्षा स्थली सांदीपनि आश्रम में स्थित श्री कुंडेश्वर महादेव मंदिर में विशेष अभिषेक-अनुष्ठान किया गया। मंदिर में चंद्रयान का मॉडल रखा गया था।
धार्मिक नगरी उज्जैन आस्था और चमत्कारों से भरी देवी- देवताओं की अति प्राचीन नगरी है। देश-विदेश से आने वाले हर श्रद्धालु की मनोकामना यहां पूरी होती है। यही वजह है कि वैज्ञानिकों की संस्था इसरो के प्रमुख डॉ. एम. सोमनाथ 24 मई को बाबा महाकाल के दरबार पहुंचे थे और चंद्रयान-3 की सफलता को लेकर कामना की थी। शुक्रवार को दोपहर 2:30 बजे आंध्र प्रदेश के हरी कोटा स्थित इसरो के स्पेस सेंटर से चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग की गई। उससे पहले बाबा महाकाल की नगरी में भगवान श्री कृष्ण की शिक्षा स्थली स्थित सांदीपनि आश्रम में बने श्री कुंडेश्वर महादेव मंदिर में मिशन चंद्रयान की सफलता को लेकर विशेष अभिषेक अनुष्ठान किया गया। पंडित शैलेश व्यास ने बताया कि मंदिर में चंद्रयान का मॉडल रखकर मंत्रों का जाप किया गया है। भगवान महाकालेश्वर तीनो लोको पाताल, धरती और आकाश के स्वामी है। उन्हें सर्वप्रथम और सर्व पूज्य कहा जाता है। उनसे की गई कामना जरूर पूरी होती है चंद्रयान-3 भी सफलता पूर्वक चांद पर लैंडिंग करेगा।
40 दिन बाद चंद्रमा पर पहुंचेगा रोवर
करीब 4 साल बाद इसरो अपने अधूरे मिशन को पूरा करने की शुरुआत कर चुका है। 700 करोड़ की लागत से तैयार किए गए चंद्रयान-3 डेढ़ माह (40 दिन) बाद 23-24 अगस्त को चांद के उस हिस्से पर लैंड होगा, जिसकी जानकारी अब तक सामने नहीं आई है। इस मिशन में चांद की सतह पर रासायनिक तत्व, मिट्टी और पानी के कण जैसे प्राकृतिक संसाधनों को देखा जाएगा। चांद की वीरान और उजाड़ सतह के नीचे कई बहुमूल्य धातुएं मौजूद होने की संभावना है। इनमें सोना, प्लेटिनम और यूरेनियम शामिल होना सामने आ सकते हैं। अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा।