भाजपा नेता मांगू भाई बने मिस्टर इण्डिया..रहवासियों ने कहा- पार्षद आजकल दिखते ही नहीं

उज्जैन। शहर के कई क्षेत्रों में पार्षदों द्वारा अपनी मदों से एक भी विकास कार्य शुरू नहीं किए गए हैं। यही कारण है कि क्षेत्र में समस्याओं का अंबार है। ऐसा ही नजारा वार्ड क्रमांक 17 के तिरुपति सेफ्रॉन कॉलोनी में देखने को मिला। यहां के क्षेत्रवासियों का आरोप है कि वार्ड क्रमांक 17 के भाजपा पार्षद मांगू भाई आजकल दिखते ही नहीं हैं। पता नहीं कहां गायब हैं। हां, चुनाव के वक्त वोट मांगने रोजाना आते थे लेकिन उसके बाद से अब नजर ही नहीं आते। मिस्टर इंडिया की तरह गायब हैं। मतलब क्षेत्र में आते ही नहीं हैं। न ही क्षेत्र की मूलभूत समस्याओं को हल करते हैं। क्षेत्र में विद्युत, पानी ,सड़क व नाली जैसी समस्याओं का अंबार है।

   निगमायुक्त रोशन सिंह महापौर को घेरा क्षेत्रवासियों ने… महिला ने खरी-खोटी सूनाते हुए जमकर महापौर लगाई फटकार…. विडिओ

हस्ते रहे महापोर सुनते रहे महिला की फटकार ….

इसी के चलते गुरुवार को महापौर मुकेश टटवाल और निगमायुक्त रोशन कुमार सिंह जब क्षेत्र में पहुंचे तो क्षेत्रवासियों ने उन्हें घेर लिया और पार्षद पर भरा पड़ा गुस्सा निगमायुक्त रोशन सिंह और महापौर मुकेश टटवाल पर उतार दिया। यही नहीं यहाँ क्षेत्र की एक महिला ने खरी-खोटी सूनाते हुए जमकर फटकार लगाई। महिला ने कहा कि आपको आगे से वोट नहीं मिलेगा। यदि वोट की आशा करते हो तो क्षेत्र में काम करवाना होगा। जब महिला महापौर को खरी-खोटी सुना रही थी तो महापौर मुस्कुरा रहे थे। उनके पास इसके अलावा कोई चारा भी क्या बचा था। महिला ने महापौर को हां ना तक करने का मोका नहीं दिया। बहरहाल जो भी हो, करे कोई और भरे कोई। यहाँ यह कहावत आज पार्षद मांगू भाई की लापरवाही से निगम आयुक्त और महापौर पर सटीक बैठी।

कहो हो नेताजी मांगू भाई…. बोल रहे रहवासी…

अब हमारी और से सही जानकारी …. यहाँ आपको बता दे की वार्ड 17 के पार्षद प्रतिनिधि है मांगू भाई…. लेकिन रहवासी उन्हें समझ रहे है पार्षद …आखिर करो  …दरसल  निगम चुनाव में महिला सिट की वजह से मांगू भाई ने अपने परिवार से उनकी बेटी को को चुनावी रेस में मैदान में उतरा था और इस जित के बाद से ही । बनी पार्षद मांगू भाई की बेटी सिर्फ बतोर नाम की ही पार्षद है …  क्योकि पिछले सालो से रह चुके मांगू भाई पार्षद और आज भी सारा काम काज खेल नेता जी मांगू भाई ही सँ भालते है इस लिए वार्ड की जनता आज भी उन्हें ही पार्षद समझती है जो वाजिब है ।

रिपोर्ट विकास त्रिवेदी