श्रावण में महाकाल गर्भगृह बंद तो  वीआईपी नेता कैसे अंदर जा रहे 

– पहले सीएम की पत्नी साधना सिंह अंदर गई, अब पूर्व सीएम ने अंदर से की पूजा
– सोमवार को बीजेपी के एक नेता भी अंदर जा चुके आखिर दो नियम क्यों चल रहे  
दैनिक अवंतिका उज्जैन। 
श्रावण मास के चलते महाकाल के गर्भगृह में जब मंदिर प्रबंध समिति ने आम प्रवेश बंद कर दिया है तो वीआईपी नेता अंदर जाकर क्यों नियम तोड़कर व्यवस्था बिगाड़ रहे हैं। पहले मप्र के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की पत्नी साधना सिंह ने गर्भगृह में जाकर पूजा की तो अब पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने अंदर जाकर दर्शन-पूजन किए। 
श्रावण मास के पहले सोमवार को भस्मारती के दौरान ही बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता भी गर्भगृह में जाकर दर्शन कर चुके हैं। आखिर ये रसूखदार लोग अंदर जाकर क्या जाहिर करना चाहते हैं। जब समिति ने सर्वानुमति से तय किया कि अंदर प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। केवल पंडे-पुजारियों को ही गर्भगृह में जाकर आरती-पूजा करने व जल चढ़ाने की अनुमति रहेगी तो ये नेता कैसे जा रहे हैं यह बड़ा सवाल है। आम जनता पहले तो खुश नजर आई कि गर्भगृह में सभी के लिए प्रवेश बंद हो गया है। लेकिन यहां तो वीआईपी नेता एक-एक कर अंदर जाकर दर्शन कर नियम तोड़ते नजर आ रहे हैं।  मंदिर के गलियारों में यह चर्चा है कि जब श्रावण मास में निर्णय हुवा है कि गर्भगृह में किसी को भी प्रवेश नहीं दिया जाएगा तो मुख्यमंत्री की पत्नी साधना सिंह अंदर कैसे चली गई। उमा भारती ने भी अंदर से दर्शन किए। बीजेपी के एक नेता भी अंदर जा चुके हैं। हालांकि प्रशासन के प्रोटोकॉल वालों का कहना है कि मुख्यमंत्री की पत्नी वीवीआईपी गेटेगिरी के  चलते अंदर गई जबकि उमा भारती को साध्वी के रूप में अंदर जाने की अनुमति है। उनके अलावा कोई भी अंदर नहीं जा पा रहे हैं। जबकि हकीकत ये है कि सोमवार की भी भस्मारती से पूर्व हरिओम जल के दौरान भाजपा के एक बड़े नेता गर्भगृह में पहुंच गए थे।  
क्या विधानसभा अध्यक्ष इन सब 
से छोटे जो बाहर से कराए दर्शन
श्रावण मास के पहले दिन ही मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष गिरीश गौतम भी महाकाल दर्शन करने उज्जैन आए थे। लेकिन प्रोटोकॉल में ड्यूटी कर रहे लोगों ने उन्हें बताया कि गर्भगृह में आम प्रवेश बंद हो गया है तो उन्होंने मंदिर के नियमों का पालन करते हुए बाहर ही खड़े होकर दर्शन लाभ लिया व नंदीहॉल से पूजा की। जबकि वीआईपी प्रोटोकॉल के चलते वे चाहते तो अंदर जा सकते थे। इसे लेकर भी चर्चा है कि कया अभी तक जितने वीआईपी नेता अंदर गए वे विधानसभा अध्यक्ष से भी बड़े है। या इनके आगे विधानसभा अध्यक्ष छोटे। 
हर साल प्रवेश बंद होता है पर 
वीआईपी पर नियम लागू नहीं
गर्भगृह में प्रवेश बंद कोई पहली बार नहीं किया गया है। हर साल ही मंदिर प्रबंध समिति श्रावण मास में ऐसे आदेश निकालती हैं और फिर वीआईपी नेता इसका उल्लंघन भी करते हैं। लोगों में चर्चा है कि समिति सिर्फ दिखाने के लिए ये आदेश जारी करती है। क्योंकि बड़े रसूखदार लोग यह आदेश मानते ही कहां है। नियम बस आम श्रद्धालुओं के लिए होते हैं।