डेढ़ घंटे की झमाझम में 2 इंच बारिश से जलमग्न हुआ शहर -मौसम विभाग का अलर्ट, फिर बन रहा नया चक्रवात
उज्जैन। सावन में मानसून पूरी तरह से मेहरबान दिखाई दे रहा है। सोमवार सुबह से रिमझिम बारिश जारी थी। दोपहर में हुई झमाझम से डेढ़ घंटे में 2 इंच बारिश ने शहर का सड़क मार्ग जलमग्न कर दिया। मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है कि तीन सिस्टम सक्रिय होने के बावजूद बंगाल की खाड़ी में नया चक्रवात बन रहा है। जिससे प्रदेश के कई जिलों में तेज बारिश जारी रहेगी।
देरी आया मानसून अब पूरी तरह से सक्रिय बना हुआ है। जुलाई माह की शुरूआत होने के बाद से बारिश का क्रम बना हुआ है। सावन के पहले सोमवार 10 जुलाई के दूसरे दिन डेढ़ घंटे में 2 इंच बारिश हुई थी। वहीं दूसरे सोमवार 17 (जुलाई) की सुबह से आसमान में काले बादलों की जमघट होती दिखाई देने लगी थी। सुबह 4 किलोमीटर की र तार से चल रही हवा के साथ 4 मिमी. बारिश दर्ज हुई। उसके बाद रिमझिम का दौर दोपहर तक बना रहा। 3 बजे बाद हवा की र तार 8 से 10 किमी. प्रतिघंटे की होते ही झमाझम शुरू हो गई। एक घंटे तक एक र तार से बारिश हुई जिससे शहर का सड़क मार्ग पूरी तरह से जलमग्न हो गया। सड़को पर आवाजाही पूरी तरह से थमी नजर आ रही थी। उसके बाद चंद मिनटो के लिये बारिश थमी और फिर आधा घंटा तेज बारिश हुई। देर शाम तक कई मार्गो का पानी कम नहीं हो पाया था। जीवाजीराव वेधशाला पर 2 इंच के करीब बारिश दर्ज की गई। वेधशाला अधीक्षक डॉ. राजेन्द्र कुमार गुप्त ने बताया कि कि अब तक 13 इंच से अधिक बारिश दर्ज की जा चुकी है। जिले में यह आंकड़ा 15 इंच को पार कर चुका है। तहसील में अलग-अलग आंकड़े दर्ज किये गये है। लगातार बारिश से अब ठंडक महसूस होने लगी है। मौसम विभाग ने अभी कुछ दिनों का अलर्ट जारी किया है। वर्तमान में कम दबाव का क्षेत्र उत्तरी ओडिशा, झारखंड और उससे लगे पश्चिम बंगाल पर बना हुआ है। जो मध्यप्रदेश की ओर बढ़ रहा है। वहीं बंगाल की खाड़ी में मंगलवार से एक ओर सिस्टम के सक्रिय होने जा रहा है। जिसके चलते दिन के साथ ही रात में भी तेज बारिश की संभावना बनी हुई है।
क्षमता की ओर बढ़ते गंभीर के कदम
शहर के जलस्त्रोत का सबसे बड़ा साधन गंभीर डेम अब अपनी क्षमता की ओर कदम बढ़ता दिखाई दे रहा है। उज्जैन के साथ देवास, इंदौर और डेम के केचमेंट एरिया में हो रही बारिश से तेजी के साथ पानी की आवक हो रही है। सोमवार को 2250 एमसीएफटी क्षमता वाला डेम अपनी आधी क्षमता तक पहुंच गया था। जून माह में डेम में 300 एमसीएफटी पानी बचा था। जिसके चलते एक दिन छोड़ जलप्रदाय किया जा रहा था। अब डेम के आधा भरने पर जल्द ही नगर निगम पीएचई विभाग प्रतिदिन जलप्रदाय का निर्णय ले सकता है।