मप्र में कर्मचारियों को अगले महीने से 900 से 6500 रुपए का लाभ
चार प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ाने से सरकार पर प्रतिवर्ष आएगा एक हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय भार
भोपाल। मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के लिए लगातार खुशखबरी आ रही हैं। सरकार ने महंगाई भत्ता बढ़ा दिया, केंद्र के समान कर दिया, समयमान वेतनमान दे दिया और अब अगस्त के माह का बेसब्री से इंतज़ार है क्योंकि इस महीने वेतन बढ़कर मिलेगा। चुनावी जमावट में जुटी राज्य सरकार ने प्रदेश के साढ़े सात लाख नियमित कर्मचारियों का महंगाई भत्ता चार प्रतिशत बढ़ाकर 42 प्रतिशत कर दिया है। इसका लाभ जुलाई के वेतन से मिलेगा। यानी अगस्त में मिलने वाले वेतन में यह राशि जुड़कर आएगी। इससे कर्मचारियों को 900 से 6500 रुपये तक का मासिक लाभ होगा।
इससे सरकार पर एक हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा। वहीं सरकार जनवरी से जून तक के महंगाई भत्ते का एरियर भी देगी, जो तीन समान किस्तों में अक्टूबर, नवंबर एवं दिसंबर में दिया जाएगा। सरकार छठवें और निगम-मंडल, उपक्रम एवं अनुदान प्राप्त संस्थाओं के उन कर्मचारियों को अनुपातिक आधार पर महंगाई भत्ते में वृद्धि का लाभ देगी, जो शासन में प्रतिनियुक्ति पर हैं और चौथा एवं पांचवां वेतनमान प्राप्त कर रहे हैं।
प्रदेश में कर्मचारियों को अभी 38 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिल रहा है, जबकि केंद्रीय कर्मचारियों को जनवरी 2023 से 42 प्रतिशत भत्ता दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 23 जून को केंद्रीय कर्मचारियों के बराबर महंगाई भत्ता देने की घोषणा की थी।
सरकार ने छठवां वेतनमान प्राप्त कर रहे कर्मचारियों का भी महंगाई भत्ता चार प्रतिशत के हिसाब से समानुपातिक रूप से बढ़ाया है। चार प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ाने से सरकार के ऊपर प्रतिवर्ष एक हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा। जनवरी से जून 2023 महंगाई भत्ते के अंतर की राशि तीन किस्तों में देने पर करीब पांच सौ करोड़ रुपये का वित्तीय भार आएगा।
नौ प्रतिशत पीछे हो गए पेंशनर
प्रदेशवासियों के साढ़े चार लाख पेंशनर को 33 प्रतिशत की दर से महंगाई राहत मिल रही है, जबकि कर्मचारियों को जुलाई से 42 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिलेगा। पेंशनर अब नौ प्रतिशत पीछे हो गए हैं। शिवराज सरकार पेंशनरों को भी कर्मचारियों के बराबर महंगाई राहत देने का निर्णय कर चुकी है।