आल इंडिया रिटायर्स फाउंडेशन की कांफ्रेंस,पेंशन अपग्रेडेशन, चिकित्सा महंगाई भत्ता की मांग

 

इंदौर। बैंकों के राष्ट्रीयकरण की 54 वी वर्ष गांठ पर जाल सभागृह में बुधवार को आल इंडिया बैंक रिटायर्ड फाउंडेशन की मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ स्टेट कमेटी की फाउंडेशन कान्फ्रेंस हुई।
इस मौके पर सी.एस. एम. देशपांडे ने कहा कि वर्ष 1994 में सेवानिवृत्त बैंक कर्मियों ने आल इंडिया बैंक रिटायर्ड फाउंडेशन की स्थापना की थी, उस समय मात्र 4 हजार सदस्य थे, जो 2023 में बढ़कर 3 लाख हो गए है। फाउंडेशन 17 राज्यों में काम कर रही है और इससे 34 बैंक जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार से मुख्य मांग है रिटायर्ड बैंककर्मियों की पेंशन को अपग्रेडेशन किया जाए। बेहतर चिकित्सा सुविधा दे और महंगाई भत्ता दिया जाए।
शरबत जैन ने कहा कि हम आशावादी है और सरकार हमारी मांग को पूरा करेगी। रिटायर्ड बैंककर्मियों को इतनी कम पेंशन मिल रही है कि उससे बेहतर जीवन नहीं दिया जा सकता, जबकि सामाजिक सुरक्षा का सबसे बड़ा साधन पेंशन है। उन्होंने कहा कि 54 वर्ष पहले जब बैंकों का राष्ट्रीयकरण हुआ था, उसमें बैंककर्मियों की भी भूमिका रही। इस पर हर बैंककर्मियों को गर्व होना चाहिए खासकर रिटायर्ड लोगों को, आज राष्ट्रीयकृत बैंक करोड़ों का लाभांश कमा रही है।अत: रिटायर्ड बैंककर्मियों को सम्मान जनक पेंशन मिलना ही चाहिए।
इस मौके पर आल इंडिया बैंक रिटायर्ड फाउंडेशन की मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ स्टेट कमेटी में 34 पदाधिकारी चुने गए। आर.डी. यादव, चेयरमैन, किशोर धर्माधिकारी अध्यक्ष व शरद व्यास महासचिव चुने गए। कान्फ्रेंस में श्याम कस्तुरे, नवीन मोदी, प्रकाश शर्मा,नंदलाल माहेश्वरी,भगवानदास खेरवानी,आर.एन.पहारिया ने भी अपने विचार रखे। कॉन्फ्रेंस में इंदौर सहित जबलपुर, देवास उज्जैन,रायपुर,भोपाल इटारसी आदि शहरों से 340 सदस्यों ने भाग लिया। संचालन शरद व्यास ने तथा आभार मुकेश भट्ट ने माना।