सुप्रीम कोर्ट बोला- एक साल में 40% चीतों की मौत
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के कूनो में चीतों की मौत पर केंद्र सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में जवाब दिया। केंद्र सरकार ने कहा कि इस बात की आशंका पहले से थी। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि क्या ऐसा होना सही है। इस पर केंद्र की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्य भाटी ने कहा- हमें इस बात की आशंका थी। दूसरी जगह से शिफ्ट किए जाने पर पहले साल में 50% मौतें होना खतरे की घंटी नहीं है। हमारी रिपोर्ट में सारी डिटेल है। कूनो में 7 जुलाई को सूरज, जबकि 11 जुलाई को तेजस नाम के चीते की मौत हो गई थी। एक हफ्ते में दो चीतों की मौत को नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी ने नेचुरल बताया था।यहां पिछले चार महीने में 8 चीतों की मौत हो चुकी है।
नेशनल टाइगर कंजर्वेशन को निर्देश और दिशा देने के लिए एक एक्सपर्ट कमेटी बनाई गई है। इस कमेटी ने ही चीतों की मौत का मामला सुप्रीम कोर्ट में उठाया है। कमेटी की एप्लिकेशन पर जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच सुनवाई कर रही है। सुनवाई के दौरान बेंच ने सवाल पूछे।