तीसरी सवारी में महाकाल के तीन रूप सीएम भी सपरिवार पैदल शामिल हुए
उज्जैन । श्रावण के तीसरे सोमवार पर भगवान महाकाल ने लाखों भक्तों को तीन रूप में दर्शन दिए। पालकी में श्री चन्द्रमोलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश तो गरुड़ के रथ पर शिव तांडव स्वरुप निकले।
सवारी निकलने के पूर्व सभा मंडप में पूजन-अर्चन शासकीय पुजारी पं. घनश्याम शर्मा ने कराया। सर्व प्रथम भगवान महाकाल का षोडशोपचार से पूजन किया। इसके पश्चात भगवान की आरती की गई। सभा मंडप में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सपरिवार श्री चन्द्रमोलेश्वर भगवान का पूजन कियो यहाँ मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक संदीप कुमार सोनी, श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीत गिरि महाराज, मंदिर प्रबंध समिति सदस्य पुजारी प्रदीप गुरु, पुजारी राम शर्मा आदि भी पूजन में शामिल हुए। सभी ने पालकी को कांधा देकर नगर भ्रमण की ओर रवाना किया। सवारी में मुख्यमंत्री सपरिवार पैदल शामिल हुवे। मुख्यमंत्री ने महाकाल का ध्वज उठाया फिर जयकारे लगाते, मार्ग में खड़े श्रद्धालुओं का अभिवादन करते हुवे निकले। सवारी महाकाल मंदिर से गुदरी, कहारवाड़ी होते हुए रामघाट पहुँची जहॉ शिप्रा के जल से भगवान का अभिषेक हुवा, पूजन बाद सवारी रामानुजकोट, कार्तिक चौक सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार होते हुए वापस मंदिर पहुंचकर समाप्त हुई। देश-विदेश में रह रहे लाखों भक्त ने महाकाल की उज्जैन में निकल रही सवारी का लाइव प्रसारण देखा।